Abhaya Mudra Benefits: लोकसभा सत्र के छठे दिन संसद में जोरदार हंगामे हुए, जिसमें विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर कहा कि सभी धर्मों ने अहिंसा और निडरता की बात की है। भगवान शिव भी यही कहते हैं। बीजेपी लोगों को डराती है। शिव की तस्वीर में कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न ‘अभय मुद्रा’ है। यह भी निडर रहने की बात करता है। वहीं इस शिव जी की अभय मुद्रा से देशभर में चर्चे शुरू हो गए हैं। आखिर शिव जी की ये कौन सी मुद्रा है और इसके फायदे क्या हैं?
चलिए आपको बताते हैं कि आखिर शिव जी की ये कौन सी मुद्रा है? अभय मुद्रा असल में योग का एक आसन है। इसमें पालथी मारकर आंख बंद की जाती है। इसके बाद दोनों हाथ की हथेलियों को घुटने पर रख लिया जाता है। फिर दाहिने हाथ की हथेली को खोलकर सामने की ओर सीधा करके ध्यान लगाया जाता है। इससे तन और मन दोनों को आत्मिक शांति मिलती है। साथ ही उस योगी के सामने आने वाले शख्स को डर, भय से दूर रहने का आश्वासन भी मिलता है।
ब्रह्मांड में भगवान शिव को आदियोगी माना जाता है, जो अभय मुद्रा में योग ध्यान में लीन रहते है। यह उनका भक्तों के लिए आश्वासन और आशीर्वाद का संकेत होता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं और किसी बाहरी भय से परेशान न हों। सनातन धर्म की इस परंपरा को सिख, जैन और बौद्ध पंथों में भी अपनाया गया और उनसे जुड़े महापुरुषों की तमाम तस्वीरें इसी अभय मुद्रा में दिखती हैं। हालांकि उन तस्वीरों में कहीं बैठे हुए तो कहीं खड़ी अवस्था में हाथ का आशीर्वाद देते हुए नजर आते हैं।
Abhaya Mudra Benefits: योग गुरुओं के मुताबिक अभय मुद्रा का इस्तेमाल अक्सर सामने वाले व्यक्ति को यह आश्वासन देने के लिए किया जाता है वे सुरक्षित हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। इस मुद्रा का प्रयोग करने से शरीर और मन, दोनों को शांत करने व केंद्रित करने में मदद मिलती है। जो कोई इस मुद्रा को करते हैं, वे शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं और किसी भी तरह की दुख-तकलीफों से नहीं घबराते।