Amla Navami Katha 2024: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देने वाला होता है, यानि उसके शुभ फल में कभी कमी नहीं आती। हिंदू धर्म में इसका अपना अलग की महत्व होता है। मामलू हो कि यह पूजा हर साल तुलसी पूजा के दो दिन पहले की जाती है।
मान्यता है कि, इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करके उसके नीचे बैठकर भोजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार आंवला नवमी रविवार 10 तारीख को मनाई जाएगी। बता दें कि, इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर आंवला वृक्ष, भगवान भोलेनाथ तथा श्रीहरि विष्णु-लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि, आंवला नवमी की पूजा विधि क्या है। तो चलिए जानते हैं कैसे हुई आंवला नवमी मनाने की शुरूआत क्या है इसके पीछे की वजह।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बहुत समय पहले एक सेठ था। वह हर साल आंवला नवमी के दिन ब्राह्मणों को आंवले के पेड़ के नीचे बैठाकर भोजन कराता था। इसके साथ ही सोना-चांदी आदि भेट में देता है। लेकिन यह सब चीजें सेठ के बेटों को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती थी। ऐसे में वह अपने पिता से खूब झगड़ते थे। इन सब चीजों से तंग आकर सेठ से घर छोड़ दिया और दूसरे गांव में जाकर बस गया। इसके साथ ही जीवन यापन के लिए एक छोटी सी दुकान रख ली। इसके साथ ही उस दुकान के आगे एक आंवले का पेड़ लगाया। भगवान की कृपा इतनी हुई की दुकान खूब चलने लगीं। इसके साथ ही उसने अपने नियम को न तोड़ते हुए हर साल आंवला नवमी के दिन विधिवत पूजा करने के साथ ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देता था।
वहीं, दूसरी ओर सेठ के पुत्रों का व्यापार ठप हो गया। ऐसे में सेठ के बेटों को समझ आने लगा कि वो अपने पिता के भाग्य से ही खाते थे। अपनी गलती समझ कर वे अपने पिता के पास गए और अपनी गलती की माफी मांगने लगे। फिर पिता के कहने के बाद उन्होंने भी आंवले के पेड़ की पूजा करनी शुरू की और दान करने लगे। इसके प्रभाव से सेठ के बेटों के घर पहले की तरह खुशहाली आ गई और सुख-समृद्धि के साथ रहने लगे।
Amla Navami Katha 2024: अक्षय नवमी को लेकर ऐसी मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन किए जाने वाले पुण्य कार्य का अक्षय फल सभी को प्राप्त होता है और मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से आपको सुख संपत्ति और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन किया जाने वाला जप-तप और दान आपको सभी पापों से मुक्त करवाता है। अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी का भी वास होता है। इसलिए इस दिन आंवले का दान और सेवन जरूर करना चाहिए। इस दिन परिवार समेत आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से आपके घर में खुशहाली आती है।
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