Aditya Hridaya Strota for wealth: सूर्य देव को हमारे सौर मंडल और ग्रहों का राजा कहा जाता है। इनकी कृपा जिस पर हो वो तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है। जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं और चेहरे पर तेज आने लगता है। अगर आप भी सूर्य देवी की कृपा पाना चाहते हैं तो रविवार के दिन स्नान कर उन्हें जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव जल्द प्रसन्न होते हैं। ये स्तोत्र श्री वाल्मिकी रामायण के युद्धकांड का एक सौ पांचवां सर्ग है। भगवान राम को युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए अगस्त्य ऋषि ने उनको ये स्तोत्र बताया था। सूर्य के समान तेज पाना चाहते हैं या युद्ध या मुकदमों में विजय के लिए ये पाठ अमोघ है। इसके पाठ के कुछ विशेष नियम हैं।
क्या है आदित्य हृदय स्तोत्र?
आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य देव से संबंधित है. इस स्तोत्र का पाठ सूर्य देव को प्रसन्न व उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता है। शास्त्रों में इस स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ व लाभकारी बताया गया है। ज्योतिषशास्त्र में भी आदित्य हृदय स्तोत्र को काफी महत्व दिया गया है। इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से जीवन के अनेक कष्टों का निवारण होता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के नियम
रविवार को उषाकाल में इसका पाठ करें।
रोज सूर्योदय के समय भी इसका पाठ कर सकते हैं।
पहले स्नान करें, सूर्य भगवान को जल अर्पित करें।
इसके बाद सूर्य के सामने आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
पाठ के बाद सूर्यदेव का ध्यान करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते हो उन्हें रविवार के दिन मांसाहार, मदिरा तथा तेल का प्रयोग न करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ करने के फायदे
1. राज्य पक्ष से कोई समस्या या सरकारी मुकदमों से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
2. हड्डियों या आंखों के रोग से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र पढ़ना चाहिए।
3. पिता के साथ संबंध बेहतर बनाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
4. आंखों की समस्या गंभीर रूप से परेशान कर रही हो तो आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
5. किसी बड़े काम में सफलता पाने के लिए आदित्य स्तोत्र का पाठ करें।
इन राशि वाले जातकों को करना चाहिए आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ
मेष राशि वालों को शिक्षा के लिए, सिंह राशि वालों को स्वास्थ्य के लिए और धनु राशि वालों को भाग्य के लिए इसका पाठ जरूर करना चाहिए।
वृषभ राशि वालों को संपत्ति के लिए, कन्या राशि के लोगों को नौकरी के लिए और मकर राशि वालों को आयु के लिए इसका पाठ करना चाहिए।
मिथुन, तुला और कुंभ राशि वालों को वैवाहिक जीवन और स्वास्थ्य के लिए इसका पाठ करना चाहिए।
कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को उच्च पद प्राप्ति के लिए इसका पाठ करना चाहिए।
जिनकी कुंडली में सूर्य दूसरे, तीसरे, चौथे, छठे, सातवें, आठवें या बारहवें हो उनको भी इसका पाठ शुभ फल देता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, IBC24 किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें।)
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