अयोध्या: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को अब बहुत कम दिन बाकी है। पूरे देश में इसे लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। 22 जनवरी को रामलला अपने धाम में विराजमान होने जा रहे है। इस दिन पूरे देश में दिवाली जैसा माहौल रहने वाला है। लेकिन क्या आप जानते है रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 7 दिन पहले यानी आज से ही शुरू हो रहा है। इसके बाद 22 जनवरी को मात्र 84 सेकेंड के सूक्ष्म अभिजीत मुहूर्त में भगवान रामलला के अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके बाद उसी दिन महापूजा होगी और महाआरती भी होगी।
आचार्यों के मुताबिक सरयू तट पर आज विष्णु पूजा और गौ दान की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। इसी तरह 18 जनवरी को गर्भगृह में विग्रहिण को रखा जाएगा जबकि अंतिम दिवस यानि 22 जनवरी को सनातन वैदिक प्रक्रिया के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा।
बता दें कि 22 जनवरी के दिन जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तब देशभर के मंदिरों में यज्ञ और पूजन का दौर चलेगा। इतना ही नहीं देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं कई जगहों पर तो पंडितों द्वारा महाआरती भी की जाएगी। इस बीच, श्री राम जन्मभूमि परिसर में चारों वेदों की सभी शाखाओं का पारायण और यज्ञ अनवरत चल रहा है। देश के सभी प्रांतों से मूर्धन्य वैदिक विद्वानों और यज्ञाचार्यों को इस अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा आमंत्रित किया जा रहा है। यह अनुष्ठान प्राण प्रतिष्ठा तक अनवरत चलता रहेगा।
22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त के वे अति सूक्ष्म मुहूर्त 84 सेकेंड दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड के बीच होंगे। आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनके बेटे पंडित अरुण दीक्षित के साथ देशभर के 121 वैदिक ब्राह्मण इस पूजा को संपन्न कराएंगे। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले लक्ष्मीकांत दीक्षित के पुत्र पंडित अरुण दीक्षित के मुताबिक, किसी भी मूर्ति की जब मंदिर या घर में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है, उसमें देवत्व आता है यानी प्राण आता है। इसे मूर्ति का जागृत होना भी कह सकते हैं। मूर्ति को रथ पर या जो भी साधन हो उसमे लाया जाता है। उसके बाद हवन होता है।