नई दिल्ली। Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है। पूरे देश भर के लोग 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार कार रहे हैं। जिसको लेकर अभी से ही पूरा देश राममय हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में अलग ही श्रद्धा देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर रामलला के स्नान के लिए नेपाल से जल लाया गया है, तो दूसरी ओर भंडारा के लिए छत्तीसगढ़ से चावल लाया गया है। अयोध्या को एतिहासिक और भव्य बनाने के लिए कई कलाकारों ने रामनगरी को सजा रहे हैं। इसी क्रम में गाजियाबाद के मूर्तिकार अनिल सुतार ने जटायु की भारी मूर्ति को बनाया है।
Ayodhya Ram Mandir बताया जा रहा है कि इस मूर्ति को बनाने के लिए उन्हें 3 महीने का समय लग गया। जटायु की यह 8 फुट की मूर्ति फिलवक्त अयोध्या में है। इस मूर्ति को दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है और वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
इस मूर्ति को बनाने के लिए मिट्टी की ढलाई की गई। जिसके बाद अब इस मूर्ति को ट्रक द्वारा अयोध्या लाया गया। मूर्ति अयोध्या मंदिर में बने कुबेर टीला पर लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि जटायु की यह मूर्ति 20 फीट चौड़ी और 8 फीट ऊंची है। इसे बनाने में करीब 3 महीने का वक्त लगा था। प्रधानमंत्री मोदी के जटायु की मूर्ति पर पूजन वंदन के बाद ही इसे मंदिर परिसर में लगाया जाएगा। वही इंदिरापुरम के मानसरोवर भवन में 22 जनवरी को राम भक्तों के लिए लाइव प्रसारण का इंतजाम है।
राम के काल में सम्पाती और जटायु नाम के दो गरुड़ थे। ये दोनों ही अरुण नामक गरुड़ के पुत्र थे जो सूर्यदेव के सारथी हैं। दरअसल, महर्षि कश्यप की पत्नी विनता के दो पुत्र हुए- गरूड़ और अरुण। गरुड़ जी विष्णु की शरण में चले गए और अरुणजी सूर्य के सारथी हुए।
Follow us on your favorite platform: