अयोध्या: Congress Will Not Going Ayodhya? प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को दूसरी बार दिवाली मनने वाली है, क्योंकि इस दिन राम लला का राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने वाला है। इस आयोजन में साक्षी बनने के लिए देश ही दुनियाभर की कई बड़ी हस्तियों को न्योता भेजा गया है। लेकिन अब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योता को लेकर बवाल मचा हुआ है। कई कांग्रेस नेताओं को न्योता नहीं मिलने पर उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं, इस बीच केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा, ‘पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए कि कांग्रेस अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन में भाग लेगी या नहीं?
Congress Will Not Going Ayodhya? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद के मुरलीधरन ने गुरुवार को कहा कि पार्टी की राज्य इकाई ने राष्ट्रीय नेतृत्व से इस समारोह में भाग नहीं लेने का आग्रह किया है। हालांकि केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि राज्य इकाई इस मामले पर राष्ट्रीय नेतृत्व को अपना रुख बता रही है। समारोह में भाग लेने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ राज्य में मुस्लिम समूहों के बढ़ते दबाव के बीच मुरलीधरन ने कहा, “इस मुद्दे पर राज्य इकाई की स्थिति से एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल को अवगत करा दिया गया है।”
मुरलीधरन ने मीडिया से बात करते हुए से कहा, ‘कांग्रेस को किसी भी कीमत पर इसमें भाग नहीं लेना चाहिए। यह पार्टी के राज्य नेतृत्व का निर्णय है। राज्य इकाई की भावनाओं से वेणुगोपाल को अवगत करा दिया गया है।’ हालांकि, उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जो भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व करती है और इस मामले पर राष्ट्रीय नेतृत्व उनके साथ चर्चा करने के बाद उचित निर्णय लेगा। मुरलीधरन ने यह भी कहा कि INDIA फ्रंट के एक प्रमुख घटक समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि वह राम मंदिर के अभिषेक समारोह में भाग लेगी। सुधाकरन ने कहा कि आगे का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को करना है। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘अगर वे इस मामले पर हमारी स्थिति पूछते हैं, तो हम उन्हें बता देंगे।’
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकराने के सीपीआई (एम) के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सीडब्ल्यूसी सदस्य और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने कहा कि वामपंथी दल इस मामले पर आसानी से निर्णय ले सकते हैं क्योंकि उन्हें किसी भी धर्म में विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के भीतर सीपीआई (एम) या बीजेपी की कोई विचारधारा नहीं है। हम हिंदुत्व को एक राजनीतिक सिद्धांत के रूप में देख रहे हैं। इसका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए, हम न तो सीपीआई (एम) हैं और न ही बीजेपी। हमें इस मामले पर निर्णय लेने के लिए समय दें।’