गाजियाबाद: कांग्रेस आलाकमान ने अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के लोकार्पण का न्यौता अस्वीकार करते हुए इस सामारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया हैं। पार्टी की तरफ से जयराम नरेश ने आधिकारिक तौर पर पत्र जारी किया हैं जिसमें उन्होंने इस अस्वीकृति की वजह का खुलासा भी किया हैं।
बहरहाल कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले को लेकर भाजपा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी हैं तो वही उत्तर प्रदेश इकाई के कांग्रेस नेता और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी गहरी निराशा जाहिर की हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आलाकमान के इस फैसले से उनका दिल टूट गया हैं। “राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं। कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। यह कुछ लोग हैं जिन्होंंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है। इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है। निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है।”
CORRECTION: नोएडा: कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं…कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। यह कुछ लोग हैं जिन्होंंने इस तरह का… https://t.co/n770ifQLEo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2024
गौरतलब हैं कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया में बकायदा एक लेटर शेयर किया, जिसमें उसने राम मंदिर के उद्घाटन में न जाने के फैसले का कारण बताया कि धर्म निजी मामला है,लेकिन बीजेपी-RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है। कांग्रेस के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर प्रतिक्रियाएं भी खूब आईं।
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न्यौता अस्वीकार करने और भाजपा पर आरोप लगाने पर भाजपा कांग्रेस पर भड़क गई हैं। इस बारें में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “मैं बड़े स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे, वो कुछ भी बहाना बना सकते हैं. ये कार्यक्रम न्यास का है। न्यास ने राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है. उद्घाटन तो पीएम मोदी के हाथ से होना ही चाहिए था।”
सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “मंदिर समय से बन जाएगा, यह हमें पता नहीं था। हम चुनाव को ध्यान में रखकर कोई काम नहीं करते हैं। हम सड़क भी बनाते हैं और दूसरे काम भी करते हैं।”
अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की और बुधवार, जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया।
आरएसएस के मुखपत्र ओर्गनाइजर के मुताबिक़ डॉ. भागवत को निमंत्रण उसी दिन दिया गया था, जिस दिन कांग्रेस ने भगवान राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को यह कहकर अस्वीकार कर दिया था कि यह भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का कार्यक्रम है।