भोपाल: कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण ठुकराएँ जाने को लेकर खुद कांग्रेस के भीतर बवाल मचा हुआ हैं। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद द्वारा इस फैसले पर निराशा जताये जाने के बाद आप मध्यप्रदेश के नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ ही बयान देकर इस विवाद को और गहरा कर दिया हैं।
न्यू एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में लक्ष्मण सिंह ने पूछा कि जब खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था तो आप कौन होते हैं इस निमंत्रण को ठुकराने वाले? बकौल लक्ष्मण सिंह अब बयान बदलने या फैसले बदलने से कुछ नहीं होने वाला हैं। जो नुकसान होना था हो चुका हैं, इसका असर अब लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखने को मिलेगा। सुने लक्ष्मण सिंह को
#WATCH | Bhopal, Madhya Pradesh | Congress MP Digvijaya Singh’s brother and former Congress MLA Lakshman Singh says, “…Those who fought (in Ram Temple movement) will obviously make the decision (regarding pranpratishtha). They have made the decision. As far as invitation is… pic.twitter.com/ZFtZhdJkN7
— ANI (@ANI) January 12, 2024
वही इससे पहले लक्ष्मण सिंह के बड़े भाई और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर धर्म को पल्लवित करते हुए पोस्ट साझा किया हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा है ”मैं हिंदू हूं, मैं धार्मिक हूं ये मेरा नितांत निजी विषय है। अपने धर्म को मानने का तरीका किसी की परेशानी का सबब नही बनना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना ही हमारे देश की असली पहचान है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा ये देश सबका है, नफरत छोड़ो भारत जोड़ो।
मैं हिंदू हूं, मैं धार्मिक हूं ये मेरा नितांत निजी विषय है। अपने धर्म को मानने का तरीका किसी की परेशानी का सबब नही बनना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना ही हमारे देश की असली पहचान है। #ये_देश_सबका_है#नफरत_छोड़ो_भारत_जोड़ो
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 12, 2024
लक्ष्मण सिंह की तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद ने भी पार्टी आलाकमान के इस फैसले पर असहमति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि श्रीराम मंदिर उद्घाटन के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है, आज दिल टूट गया। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं…कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। यह कुछ लोग हैं जिन्होंंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है…इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है…निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है…”
मैं हिंदू हूं, मैं धार्मिक हूं ये मेरा नितांत निजी विषय है। अपने धर्म को मानने का तरीका किसी की परेशानी का सबब नही बनना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना ही हमारे देश की असली पहचान है। #ये_देश_सबका_है#नफरत_छोड़ो_भारत_जोड़ो
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 12, 2024
इसी तरह गुजरात के विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया भी हाईकमान के इस फैसले से हैरान नजर आएं। उन्होंने भी अपने एक्स पर लिखा कि भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।
भगवान श्री राम आराध्य देव हैं।
यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। @INCIndia को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। pic.twitter.com/yzDTFe9wDc
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) January 10, 2024
कांग्रेस की लाइन से हटकर एक और नेता कि राम मंदिर पर प्रतिक्रिया सामने आई हैं। दरअसल हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला हैं जिसे उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया हैं। इस मौके पर विक्रमादित्य ने वीएचपी और आरएसएस को भी धन्यवाद दिया हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया पार्टी आलाकमान के उस फैसले के बाद आई हैं जिसमे उन्होंने आमंत्रण को अस्वीकार करते हुए 22 जनवरी के सामारोह में शामिल होने से साफ़ इंकार कर दिया हैं।
VIDEO | “I am blessed to be one of the few people in Himachal who have received an invitation for ‘Pran Pratishtha’. It’s a once-in-a-lifetime opportunity, and I want to thank Rashtriya Swayamsevak Sangh and Vishwa Hindu Parishad for giving me and my family a chance to be a part… pic.twitter.com/GSOCbNaNUX
— Press Trust of India (@PTI_News) January 11, 2024