नई दिल्ली। Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन को भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना गया है। इन दिन बहने अपने भाई की कलाई राखी बांधकर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस पर्व पर भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वचन देते हैं। बता दें कि हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है।
दरअसल, इस अशुभ समय में राखी नहीं बांधी जाती है। पैराणिक कथाओं के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री है। इस दृष्टिकोण से भद्रा शनि देव की बहन हुईं। कहा जाता है कि जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह समस्त सृष्टि को निगलने वाली थीं। साथ ही उसने हवन, यज्ञ और पूजा-पाठ इत्यादि मांगलिक कार्यों में विघ्न उत्पन्न की थीं। इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल रक्षा बंधन के दिन भद्रा का साया है। तो आइए जानते है रक्षा बंधन के शुभ मुहूर्त और भद्रा काल का समय..
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रक्षाबंधन तिथि- 11 अगस्त 2022, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 12 अगस्त, सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर
शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक
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रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल की समाप्ति- रात 08 बजकर 51 मिनट पर
रक्षा बंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
रक्षा बंधन भद्रा मुख – शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक