अविनाश केपिटल होम्स फेज-2 में धूमधाम से मना दशहरा, रामलीला का भी हुआ मंचन |

अविनाश केपिटल होम्स फेज-2 में धूमधाम से मना दशहरा, रामलीला का भी हुआ मंचन

Edited By :   Modified Date:  October 14, 2024 / 04:45 PM IST, Published Date : October 14, 2024/4:45 pm IST

राय पुर

सड्डू स्थित अविनाश केपिटल होम्स फेज-2 में दशहरा और नवरात्रि धूमधाम से मनाया गया। 10 दिनों तक चले इस पर्व में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सोसाइटी स्थित फ्लैट्स एरिया में विराजमान दुर्गा झांकी स्थल पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। विजयदशमी के अवसर पर कैपिटल होम में महिलाओं के द्वारा सिंदूर खेल हुआ एवं मां दुर्गा का भव्य विसर्जन हुआ। इस मौके पर अनेक लोग भावुक नजर आए।

जगराता में देर रात तक झूमते रहे लोग

सोसाइटी के फ्लैट एरिया में लोगों ने जगराता आयोजित किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बाहर से बुलाए गए कलाकारों ने देवीगीतों और संगीत से समां बांधा। सोसाइटी के निवासी प्रभाकर श्रीवास्तव ने बताया हर साल होने वाले इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं। सड्डू एरिया में नवरात्रि में धूमधाम रहती है। सबकी भागीदारी से यह कार्यक्रम भव्य और दिव्य हो जाता है।

गरबा की धूम

अविनाश केपिटील होम्स फेज-2 के

प्लॉट एरिया में शिव मंदिर परिसर में अलग से दुर्गा झांकी रखी गई। यहां भी जगराता हुआ। नौ दिनों तक प्रतिदिन सोसाइटी के रेजीडेंट्स के लिए भंडारा रहा है। इस मौके पर सोसाइटी में सक्रिय रहने वाले समीर पांडेय ने बताया नवरात्रि पर शिव मंदिर परिसर में पूरे गरिमा और श्रद्धा भाव से पूजा-पाठ आयोजित किया गया। सोसाइटी के लोगों के लिए विशेष रूप से जगराता भी हुआ। इस कार्यक्रम में देवीगीतों के साथ ही साथ धार्मिक गीतों की प्रस्तुतियां हुईं। सोसाइटी के युवा निवासी सौमिल ने बताया कार्यक्रम में सभी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसके लिए अलग से गरबा भी आयोजित किया गया था। इस दौरान प्लॉट एरिया के लिए अलग और फ्लैट एरिया के लिए अलग से दो गरबा आयोजित किए गए। इन दोनों ही कार्यक्रमों में लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

रावण दहन के बाद समाप्त हुआ आयोजन

इसके बाद बुराई पर सच्चाई की जीत का प्रतीक रावण दहन का कार्यक्रम हुआ। फ्लैट एरिया में रहने वाले प्रभाकर श्रीवास्तव ने बताया, इस दौरान छोटे से अंतराल के लिए रामलीला भी आयोजित की गई। भगवान राम ने रावण को तीर मारकर अंहकार का अंत किया। इस दौरान जमकर आतिशबाजी हुई।

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