Vaishakh Purnima 2023

13 दशकों के बाद इस वैशाख पूर्णिमा में बन रहा हैं अद्भुत संयोग, चंद्र ग्रहण के साथ प्रभावकारी रहेगा यह पूर्णिमा, जानें व्रत पूजन की विधि

पूर्णिमा का चंद्रोदय 5 मई को प्राप्त हो रहा है, इसलिए वैशाख पूर्णिमा 5 मई की मनाई जाएगी।

Edited By :   Modified Date:  May 5, 2023 / 09:54 AM IST, Published Date : May 5, 2023/9:54 am IST

Vaishakh Purnima 2023: शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वहीं पचांग के मुताबिक हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती या बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्‍णु के 9वें अवतार माने जाने वाले महात्‍मा बुद्ध प्रकट हुए थे। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन दान-पुण्‍य और धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्‍व माना जाता है। वहीं इस साल वैशाख पूर्णिमा पर 130 साल बाद दुलर्भ संयोग बन रहा है। क्योंकि इस दिन बुद्ध पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और तिथि

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वैशाख पूर्णिमा 2023 तिथि : Purnima Ki Tithi

Vaishakh Purnima 2023: वैदिक पंचांग के मुताबिक वैशाख पूर्णिमा इस 04 मई को रात 11 बजकर 35 मिनट आरंभ हो रही है। साथ ही इस ति​​थि का अंत अगले दिन 05 मई को रात 11 बजकर 02 मिनट पर हो रहा है। आपको बता दें कि वैशाख पूर्णिमा व्रत में चंद्रमा की पूजा होती है। इसलिए पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा के उदय की मान्यता है। वैशाख पूर्णिमा का चंद्रोदय 5 मई को प्राप्त हो रहा है, इसलिए वैशाख पूर्णिमा 5 मई की मनाई जाएगी।

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वैशाख पूर्णिमा पर स्‍नान और पूजा के शुभ मुहूर्त : Purnima Shubh Muhurt

Vaishakh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा पर स्‍नान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। इस समय किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं। वहीं वैशाख पूर्णिमा को चंद्रोदय शाम 05 बजकर 58 मिनट पर होगा। इस शाम चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं।

वैशाख पूर्णिमा का महत्व : Purnima ka Mahatva

Vaishakh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष विधान है, क्योंकि महात्मा बुद्ध को ज्ञान बोधि वृक्ष के नीचे हुआ था और बोधि वृक्ष पीपल का पेड़ है। इसलिए पीपल वृक्ष की पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी है। इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध घी के पांच घी के दीपक जलाने चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख- समद्धि रहने की मान्यता है।

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