डिंडोरी (मप्र), 19 जून (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को सभी से सिकल सेल रोग के उन्मूलन के लिए प्रयास करने का आह्वान किया।
विश्व सिकल सेल दिवस पर मध्यप्रदेश के डिंडोरी शहर में एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वर्ष 2047 तक देश विकसित हो जाएगा और विकसित देश की पहचान होगी सिकल सेल बीमारी का पूर्ण उन्मूलन। प्रधानमंत्री ने 2023 में पड़ोसी जिले शहडोल से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की है।’’
धनखड़ ने कहा, ‘‘हवन (प्रयास) शुरू हो चुका है और सभी को इसमें आहुति देनी है।’’
सिकल-सेल एनीमिया हीमोग्लोबिन एस नामक एक दोषपूर्ण जीन के कारण होता है, जिसके कारण लचीली लाल रक्त कोशिकाएं कठोर सिकल के आकार की कोशिकाएं बन जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और अंग क्षति का खतरा बढ़ जाता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राष्ट्रीयता की मैराथन यात्रा चल रही है और हर कोई साथ है। कोई भी भारत के विकास को रोक नहीं पाएगा लेकिन यह तभी पूरा होगा जब 2047 तक देश से सिकल सेल रोग का उन्मूलन हो जाएगा और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि यह सभी के लिए गर्व की बात है कि पहली बार एक आदिवासी महिला, द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनीं और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में वह दिन स्वर्ण अक्षरों में लिख गया जिस दिन भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ दिलाई।’’
धनखड़ ने यह भी कहा कि जब वे 1989 में सांसद बने तब देश की अर्थव्यवस्था लंदन और पेरिस शहरों से भी छोटी थी और देश का सोना स्विट्जरलैंड के दो बैंकों में गिरवी रखा हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज हम कहां पहुंच गए हैं। हमने ब्राजील, कनाडा, इंग्लैंड और फ्रांस जैसे देशों को (अर्थव्यवस्था के मामले में) पीछे छोड़ दिया है और अब हम जर्मनी और जापान से भी आगे निकल जाएंगे।’’
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के राज्य में धार्मिक और अन्य स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने जैसे साहसिक फैसले के लिए उनकी प्रशंसा की।
धनखड़ ने कहा, ‘‘पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री निर्णय लेते हैं कि कहां लाउडस्पीकर बजेंगे और कहां नहीं। ऐसे मुख्यमंत्री के बारे में कोई क्या कह सकता है? यह बहुत प्रभावी फैसला था।’’
उपराष्ट्रपति ने आदिवासियों के विकास की दिशा में कदम उठाने और मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सरकार की मंत्रिपरिषद की पहली बैठक रानी दुर्गावती की भूमि जबलपुर में आयोजित करने के लिए भी उनकी (मोहन यादव की) प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती ने कई राजाओं को हराया और वह अपनी वीरता के लिए याद की जाती हैं।
भाषा दिमो खारी
खारी
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)