Make in India! landmarks of PM Modi tenure that changed lives

‘Make In India’ मोदी सरकार की योजना ने बदली भारत में व्यापार की दिशा और दशा, इन सेक्टर्स ने पकड़ी ताबड़तोड़ रफ्तार

'Make In India' मोदी सरकार की योजना ने बदली भारत व्यापार की दिशा और दशा! Make in India! landmarks of PM Modi tenure that changed lives

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 PM IST
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Published Date: September 16, 2022 4:26 pm IST

नई दिल्लीः Make in India पीएम नरेंद्र मोदी कल यानि 17 सितंबर को अपना 72वां जन्मदिन मनाएंगे। 72 साल में नरेंद्र मोदी ने रेलवे स्टेशन पर एक चाय वाले से प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया। हालांकि पीएम मोदी का ये सफर संघ के एक छोटे से कार्यकर्ता के तौर पर हुई थी, लेकिन तब शायद किसी को ये पता नहीं था कि संघ का छोटा सा ये कार्यकर्ता एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर देश के कई लिए कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं, जो आज भारत को तेजी से एक विकसीत देश की ओर ले जा रहा है। हाल में भारत, ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। इस कामयाबी में मोदी सरकार की योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। बात करें मोदी सरकार की योजनाओं की तो मोदी सरकार की ’मेक इन इंडिया’ योजना ने देश की अर्थव्यस्था को काफी गति दी है। तो चलिए जानते हैं क्या है मेक इन इंडिया?

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क्या है Make in India

भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है। सरकार के नए प्रयासों एवं पहलों की मदद से विनिर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। विनिर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को ’मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।

’मेक इन इंडिया’ मुख्यतः विनिर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।

’मेक इन इंडिया’ पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। श्मेक इन इंडियाश् पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है।

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कौन-कौन से क्षेत्र हैं शामिल?

मोदी सरकार ने इस योजना में ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेंट, विमानन, जैव प्रौद्योगिकी, रसायन, रक्षा उत्पादन, विद्युत मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी एवं बीपीएम, चमड़ा, मीडिया एवं मनोरंजन सेक्टर, खदान, तेल एवं गैस, फार्मा, बंदरगाह एवं नौवहन के साथ रेलवे, सड़क एवं राजमार्ग, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष, वस्त्र एवं परिधान, थर्मल पावर, पर्यटन और आतिथ्य को शामिल किया है। वर्तमान में विनिर्माण क्षेत्र जीडीपी में 16 फीसदी का योगदान कर रहा है, जबकि सरकार का उद्देश्य 2022 तक इसे 25 फीसदी करना है।

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मेक इन इंडिया का उद्देश्य

  • इस मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा सामान का निर्माण भारत में ही हो। जिससे लोगों को कम कीमत में ही सामान मिल सके इसके साथ ही विदेशी निवेश को भी बढ़ावा देना है।
  • मेक इन इंडिया के तहत नई कंपनियां खुलेंगी जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही गरीबी कम होगी और देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा।
  • मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत साल 2022 तक सभी सामान का निर्माण भारत में शुरु करना है। इसके अलावा 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार भी सृजित करना है।
  • मेक इन इंडिया के तहत ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का निर्यात अन्य देशों में करना है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विनिर्माण क्षेत्र में करीब 12 से 14 प्रतिशत बढ़ोतरी करना है।
  • मेक इन इंडिया के तहत ळक्च् में साल 2022 तक विनिर्माण की हिस्सेदारी 16 से 25 प्रतिशत करना है।
  • इस मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत विदेशी कंपनियों का ध्यान अपनी तरफ खींचना है ताकि विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सके।
  • मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य मेक इन इंडिया के तहत महंगाई को कम करना भी है, जी हां अगर ज्यादातर वस्तुओं का निर्माण भारत में होगा तो जाहिर है कि लोगों को सस्ते दामों पर वस्तुएं उपल्ध होंगी।
  • मेक इन इंडिया के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए भी प्रेरित करना है जिससे नए रोजगारों का सृजन होगा।
  • मेक इन इंडिया के तहत युवाओं को पूरी स्वतंत्रता दी गई है जिससे युवा अपनी नई सोच के साथ व्यापार कर सकते हैं इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
  • सरकार का मुख्य उद्देश्य मेक इन इंडिया का घरेलू मूल्य संवर्द्धन और विनिर्माण में तकनीकी ज्ञान को भी बढ़ावा देना है।
  • मेक इन इंडिया का उद्देश्य पर्यावरण में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना भी है।

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Make in India के तहत रेल पहियों का निर्माण

मेक इन इंडिया के तहत देश में ही रेल पहियों का निर्माण हो और दूसरे देशों को निर्यात कर मुनाफा कमाया जाए। इसको लेकर रेलवे ने खांचा बना लिया है। पहियों के कारखानों से कम से कम 80 हजार पहियों का निर्माण किया जाएगा। नई फैक्ट्री में वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी जैसी सुपर फास्ट ट्रेनों के पहियों के निर्माण कार्य पर जोर दिया जा रहा है।

Make in India के तहत INS विक्रांत का निर्माण

दो सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना में कमीशंड हुआ था। 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह एयरक्राफ्ट कैरियर पूरी तरह स्वदेसी है, जिसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया गया है। इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था। विक्रांत का फ्लाइट डेक दो फुटबॉल मैदान के बराबर है। विक्रांत के आने से भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद एयरक्राफ्ट डिजाइन करने और निर्माण करने की क्षमता है। इस पोत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने डिजाइन किया है। इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। इस पोत का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है।

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Apple को भाया Make in India

स्मार्टफोन और दूसरे गैजैट्स बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी Apple अब अपने नए आइफोन का उत्पादन भारत में करेगी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार Apple अपने आने वाले i Phone 14 को भारत में भी बनाएगी। रिपोर्ट के अनुसार Apple अपने करीब 90 प्रतिशत से अधिक उत्पाद चीन में ही बनाती है और चीन उसके लिए बड़ा बाजार भी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीन की सरकार की नीतियों और वहां की घरेलू स्थितियों की वजह से Apple अब चीन की जगह भारत को तवज्जो दे रही है और चीन के बाद अब भारत उसकी पहली पसंद बन चुका है। भारत में फिलहाल आईफोन 11, 12 और 13 का उत्पादन होता है. ये सभी आईफोन तमिलनाडु में स्थित ताइवानी कंपनी (Fox Con) फॉक्सकॉन के प्लांट में बनाए जाते हैं।

Make in India के तहत 60 लाख नौकरी

वित्तीय वर्ष 2022- 23 का यह बजट भविष्य की प्राथमिकताओं के साथ अगले 25 वर्षों के लिए आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने की नींव रखता है। 40 लाख करोड़ के इस बजट में केंद्र सरकार ने हर वर्ग को ध्यान में रखा है। इस बजट से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आम लोगों के लिए कई नए अवसर पैदा होंगे। देश में विकास को मजबूती देने के लिए एक्सप्रेस वे, आवास, सौर विनिर्माण आदि के लिए खरबों रुपए आवंटित किए गए हैं। युवा हमारे देश के भविष्य हैं उन को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरी देने का ऐलान किया है, यही नहीं जरूरत पड़ने पर 30 लाख और नौकरी दी जा सकती हैं, वहीं इनमें से आत्मनिर्भर भारत के तहत 16 लाख नौकरी दी जाएंगी।

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