चित्रकोट जलप्रपात: जगदलपुर से 40 कि.मी. और रायपुर से 273 कि.मी. की दूरी पर स्थित यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है। भारतीय नियाग्रा के नाम से प्रसिद्घ चित्रकोट वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु बरसात के मौसम में इसे देखना रोमांचकारी अनुभव होता है। बारिश में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देता है।
तीरथगढ़ जलप्रपात: कांगेर घाटी के जादूगर के नाम से मशहूर तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर से 29 किमी. दूरी पर स्थित है । यह राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात है यहां 300 फुट ऊपर से पानी नीचे गिरता है कांगेर और उसकी सहायक नदियां मनुगा और बहार मिलकर इस सुंदर जलप्रपात का निर्माम करती है। तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने का सबसे अच्छा समय बारिश के मौसम के साथ-साथ अक्टूबर से अपैल तक का है।
कांगेर धारा जलप्रपात- बस्तर जिले में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित इस जलप्रपात की ऊंचाई 20 फुट है। कांगेर घाटी से होकर गुजरने वाली कांगेर नदी पर स्थित इस जलप्रपात का पानी स्वच्छ रहता है। इस नदी के भैसादरहा नामक स्थान पर मगमच्छ प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। बरसात के समय ये स्थान सबका मन मोह लेता है।
चित्रधारा जलप्रपात: बस्तर जिले में जगदलपुर से 13 कि.मी. दूर करंजी गांव के समीप एक पहाड़ी से खंड-खंड में गिरते पानी वाला यह आकर्षक जलप्रपात है । यह जलप्रपात आसपास के लोगों के लिए पर्यटन का प्रमुख स्थल है।
सप्तधारा जलप्रपात: दन्तेवाड़ा में इंद्रावती नदी पर स्थित सप्तधारा जलप्रपात छत्तीसगढ़ का अत्यंत रमणीय पर्यटन स्थल है। यह जलप्रपात बोधघाट पहाड़ी से गिरते हुए क्रमश: बोध धारा, कपिलधारा पाण्डव धारा, कृष्णधारा शिव,धारा बाणधारा और शिवार्चन धारा नामक सात धाराओं का निर्माण करता है। सघन वन में होने के कारण सप्तधार जलप्रपात की रमणीयता और भी बढ़ जाती है।
रानीदरहा जलप्रपात: दंतेवाड़ा जिले की कोंटा तहसील में स्थित है रानीदरहा जलप्रपात विकासखंड मुख्यालय छिंदगड़ से 30 कि.मी. दूरी पर शबरी पार गांव के समीप स्थित इस जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय है। रानी दरहा के आसपास शबरी नदी का जल गहरा होने के कारण थमा-सा नजर आता है, जो कि इस जलप्रपात की सुंदरता में और चार चांद लगा देता है।
अमृतधारा जलप्रपात: कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ तहसील में यह मनोहारी जलप्रपात स्थित है। यहां कोरिया की पहाडिय़ों से निकलने वाली हसदो नदी अमृतधारा जलप्रपात का निर्माण करती है। इस जलप्रपात का पानी स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायी होने के कारण इस जलप्रपात का अपना महत्व है।
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बेनगंगा जलप्रपात कुसमी: सामरी राज्य मार्ग पर सामरीपाट के जमीरा ग्राम के पूर्व-दिक्षण कोण पर पर्वतीय श्रंखला के बीच बेनगंगा नदी का उद्गम् स्थान है । यहां साल वृक्षों के समूह में एक शिवलिंग भी स्थापित है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सघन वनों, चट्टानों को पार करती हुयी वेनगंगा की जलधारा श्रीकोट की ओर प्रवाहित होती है।
राजपुरी जलप्रपात: जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड मुख्यालय से तीन कि.मी. की दूरी पर यह जलप्रपात स्थित है। यह बारहमासी जलप्रपात है, इसलिए गरमी के दिनों में इसकी सुंदरता बरकरार रहती है। परंतु बारिश के सीजन में इसका प्राकृतिक सौंदर्य और भी निखर जाता है।
waterfall of Chhattisgarh in rainy season