ऐसा ही एक नियम भोले बाबा की पूजा में है जिसमें कुछ चीजें वर्जित मानी गई है।
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भगवान शिव को हमेशा अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित करें। टूटा चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता।
शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना वर्जित माना जाता है,क्योंकि हल्दी की स्त्रोयोचित यानी स्त्री से संबंधित वस्तु होती है और शिवलिंग को पुरुष तत्व का प्रतीक माना जाता है।
केतकी का फूल शिव जी की पूजा में वर्जित है क्योंकि ब्रह्मा जी के झूठ में जब केतनी ने साथ दिया तो भगवान भोलेनाथ नाराज हो गए और उन्होंने श्राप देते हुए कहा कि उनकी पूजा में केतनी का फूल नहीं चढ़ाया जाएगा।
शिव भगवान की पूजा में नारियल चढ़ा सकते हैं लेकिन शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए।
महादेव को कभी भी शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए. क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है।
तिल को भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है इसलिए भगवान शिव को तिल नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि तुलसी जालंधर की पत्नी थी जिसका वध शिव जी ने किया था।
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शिव पुराण में महादेव को विनाशक बताया गया है। भगवान शिव वैरागी है जो माथे पर राख डालते है इसलिए कुमकुम नहीं चढ़ाने चाहिए।
These things are prohibited in the worship of Lord Shiva