मंदिर निर्माण का 40 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो गया है। प्लिंथ का 80 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है। मंदिर में दर्शन दिसंबर 2023 से शुरू होने की संभावना है।” बता दें कि देश में अगला लोकसभा चुनाव 2024 में होना है।
चंपत राय खुद अयोध्या के कारसेवक पुरम में डेरा जमाए हुए हैं और निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे हैं। वह लगातार बैठकें करते हैं और हर दिन प्रगति की समीक्षा करते हैं।
निर्माण में उपयोग किए गए धन के स्रोत के बारे में चंपत राय ने कहा, “भगवान के कार्य के लिए धन की कमी नहीं होती है। भगवान के चरणों में लक्ष्मी बैठी रहती हैं।’’ ट्रस्ट के अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर की कम से कम एक हजार साल तक लंबी उम्र और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी नींव रखी गई है।
राजस्थान में मकराना पहाड़ियों से सफेद संगमरमर का उपयोग मंदिर के गर्भगृह के अंदर किया जाएगा। संगमरमर की नक्काशी का काम प्रगति पर है और कुछ नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक पहले ही अयोध्या लाए जा चुके हैं।
राम मंदिर निर्माण में प्राचीर के लिए लगभग आठ से नौ लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा। चंपत राय ने कहा कि इसके अलावा प्लिंथ के लिए 6.37 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट का इस्तेमाल होगा।
मुख्य मंदिर लगभग 4.7 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर से तैयार किया जाएगा। वहीं, गर्भगृह के निर्माण के लिए मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर का 13,300 घन फीट इस्तेमाल किया जाएगा। फर्श और आवरण के लिए मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर का 95,300 वर्ग फीट इस्तेमाल किया जाएगा।
construction of Ram temple in Ayodhya