भोपालः राम मंदिर निर्माण को लेकर वैसे तो पूरे देश में पैसा इकट्ठा किया जा रहा है, लेकिन नेता इसके जरिए अपने वोट भी पक्के करने में लगे है। बीजेपी नेता जहां इस पर अपना एकाधिकार जता रहे है, वहीं कांग्रेस के नेता इससे जुड़कर सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि बनाने में जुटे है। लेकिन इन सबके बीच सवाल एक ही है कि आखिर आस्था से जुड़े राम मंदिर पर सियासत कब तक? सवाल ये भी कि कब तक इस मुद्दे के जरिए खुद की सियासी जमीन मजबूत करेंगे नेता ?
भगवा झंडा और हाथ में दान पेटी लिए राम मंदिर के लिए पैसा जमा कर रहे ये बीजेपी के नहीं कांग्रेस के विधायक है। खरगोन जिले की कसरावद सीट से कांग्रेस विधायक सचिन यादव ढोल ढमाकों के साथ दान मांग रहे है, उनकी योजना इस कार्यक्रम के जरिए विधानसभा के घर गांव तक पहुंच कर हर व्यक्ति से एक एक रुपए दान लेने की है।
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सचिन यादव उसी कांग्रेस पार्टी में है जिसमें कांतिलाल भूरिया है..वही कांतिलाल भूरिया जिन्होने राम मंदिर पर पैसा इकट्ठा करने को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। जाहिर है सवाल खड़ा होता है कि राम मंदिर निर्माण के लिए पैसा इकट्ठा करने को लेकर कांग्रेस का रुख क्या है? यदि पार्टी को पैसा इकट्ठा करना ही है तो उसके लिए पूरे संगठन को सक्रिय क्यों नहीं किया गया? इस मुद्दे पर पार्टी के नेता भला अलग-अलग बयान क्यों दे रहे हैं जाहिर है बीजेपी इस मुद्दे पर आक्रमक है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने सचिन यादव से पूछा है कि यदि उन्हें पैसे इकट्ठा करना है तो चेक से क्यों नहीं लिए जा रहे।
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के नेता राममंदिर के लिए पैसे जमा कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक पी सी शर्मा भोपाल में ऐसा कर चुके हैं। इंदौर में भी कुछ नेताओं ने राम मंदिर निर्माण के लिए पैसा जमा किया था, लेकिन इन सभी के बीच सवाल वहीं है कि आखिर राम मंदिर पर सियासत कब तक।