मंडला: जिले में कुदई टोला के ग्रामीण कई सालों से झिरिया का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इस गांव में नलजल योजना के नाम पर सिर्फ धूल फांकता पाइप है और तालाब में जानवरों का कब्जा है। पानी की गंभीर समस्या से जूझते इस गांव में कोई अपनी बेटी तक देने को तैयार नहीं है। इस कारण गांव के युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है। ये लोग जैसे-तैसे बेटियों के हाथ तो पीला करने में कामयाब हो जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार आदिवासियों को एक-एक बूंद पानी के लिए दो किलोमीटर दूर झिरिया से पानी लाने के लिए मशक्कत करना पड़ता है, जिले की मुखिया हर्षिका सिंह ने जल संकट को दूर करने का आश्वासन जरूर दिया है। वहीं, आदिवासी परिवार की पढी लिखी बेटियां अब ससुराल में मूलभूत चीजों की मांग करने लगी है। समाज में जागरूकता की लहर है लेकिन सरकारी तंत्र की नाकामी की और कितनी सजा भुगतनी पड़ेगी। इसका माकूल जवाब देने वाला कोई नहीं है।
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