भोपाल: बढ़ती आबादी को हर बार देश के लिए बोझ माना जाता है लेकिन उसे रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नही उठाए गए और उसका नतीजा ये है कि 2025 तक भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश हो जाएगा, जिसका असर न सिर्फ अर्थव्यवस्था और लोगों की लाइफ स्टाइल पर पड़ेगा बल्कि प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण भी इसकी चपेट मे आ जाएंगे। यूपी ने पहल करते हुए जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाई है जिसके बाद मध्यप्रदेश में भी इसकी मांग होने लगी है। मंत्री विश्वास सारंग और सांसद सुधीर गुप्ता ने इसकी पैरवी की है तो कांग्रेस के नेता खुलकर विरोध में आ गए हैं। अब सवाल यही है कि क्या इतना गंभीर मुद्दा एक बार फिर सियासी बयानबाजी के बीच दबकर रह जाएगा?
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मध्यप्रदेश की मंदसौर सीट से बीजेपी के सांसद सुधीर गुप्ता ने अभिनेता आमिर खान के जरिए उस मुद्दे को छेड़ दिया है जिसने हर बार सियासत को गर्म कर दिया। दरअसल यूपी जनसंख्या नियंत्रण नीति तैयार होने के बाद से ही देश के अलग अलग हिस्सों से ये मांग उठ रही है और अब मध्यप्रदेश में भी ऐसा हो रहा है। इसके समर्थन में सबसे बड़ा तर्क दे दिया जा रहा है कि साधन – संसाधन एक निश्चित मात्रा में ही है और ज्यादा जनसंख्या होने से सभी को वो मिलना संभव नहीं है इसलिए आबादी को रोकने के लिए सख्ती जरुरी है।
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वैसे मध्यप्रदेश में 2005 तक टू चाइल्ड पॉलिसी थी लेकिन जब इसे विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी लागू करवाने की बात आई तो इसे हटा दिया गया। वैसे आंकड़ों के लिहाज से देखे तो मध्यप्रदेश की आबादी इस वक्त करीब 8 करोड़ 45 लाख के आसपास है। हर साल 15 लाख जनसंख्या बढ़ रही है।
इस लिहाज से अगले डेढ़ दशक में मध्यप्रदेश की आबादी 10 करोड़ हो जाएगी। आबादी के लिहाज से मध्यप्रदेश की जनसंख्या थाईलैंड,इटली और साउथ अफ्रीका से ज्यादा है। इस वक्त प्रदेश की जनसंख्या दुनिया के 130 देशों की जनसंख्या से ज्यादा है। बीजेपी के नेता जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून की तरफदारी कर रहे हैं तो कांग्रेस इसके विरोध में उतर आई है।
जनसंख्या विस्फोट को लेकर बीजेपी के तीन सांसद राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश कर दिए हैं। इस बिल में एक बच्चा नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए जाने की सिफारिश की गई है अगर सभापति से अनुमति मिलती है, तो इस बिल पर संसद के इसी सत्र में चर्चा हो सकती है। वैसे जनसंख्या नियंत्रण को आरएसएस भी जरुरी मानता है। ऐसे में यदि आबादी रोकने के लिए कानून पर फैसला होता है तो पूरे देश की सियासत में हंगामा मच जाएगा।