भारत: देश में जहां बीते दिनों एक महिला सांसद को एयरपोर्ट पर सवाल पूछने के बाद हिंदी और अंग्रेजी भाषा को लेकर सियासी गलियारों में बहस होने लगी थी, वहीं दूसरी ओर देश का एक ऐसा गांव है, जहां का बच्चा—बच्चा जापानी भाषा में बात करता है। हैरान करने वाली बात ये है कि यहां के अधिकतर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। ये बच्चे स्कूल में रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी का ज्ञान अर्जित करने की चाह में छात्र जापानी भाषा सीख रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मामला औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर स्थित गदिवत गांव का है, जहां आजादी के इतने साल बाद बुनियादी सुविधाएं जैसे, बिजली, पानी और सड़क भले ही न पहुंचा हो। लेकिन इंटरनेट इस गांव और गांव के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। स्थानीय जिला परिषद स्कूल प्रबंधन ने साल 2019 में इंटरनेट के माध्यम से रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी की शिक्षा शुरू करने का फैसला लिया था। स्कूल प्रबंधन का यह फैसला आज पूरे गांव में अनोखा कमाल कर दिखाया, आज पूरा गांव जापानी भाषा बोलता है।
बताया जा रहा है कि सितंबर में स्कूल प्रबंधन ने चौथी से आठवीं कक्षा के छात्रों से अपनी पसंद की एक भाषा चुनने को कहा था। हैरानी की बात तो ये थी कि अधिकांश बच्चों ने रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी में पढ़ाई करने की रूचि दिखाई। जापानी भाषा सिखाने के लिए कोई उचित पाठ्यक्रम सामग्री और पेशेवर मार्गदर्शन नहीं होने के बावजूद स्कूल प्रशासन इंटरनेट पर वीडियो और अनुवाद अनुप्रयोगों से जानकारी इकट्ठा करने में कामयाब रहा। हालांकि, अब औरंगाबाद के भाषा विशेषज्ञ सुनील जोगदेओ छात्रों को जापानी भाषा सिखा रहे हैं।