कानून पर रसूख भारी क्यों! क्या वाकई मध्यप्रदेश में जंगल राज है? | Why is the law heavy? Is there really a jungle rule in Madhya Pradesh?

कानून पर रसूख भारी क्यों! क्या वाकई मध्यप्रदेश में जंगल राज है?

कानून पर रसूख भारी क्यों! क्या वाकई मध्यप्रदेश में जंगल राज है?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : March 13, 2021/5:33 pm IST

भोपाल: साल 2019 में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के मामले में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। शुक्रवार को उनके बेटे की याचिका पर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी गोविंद सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर मध्यप्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में जंगलराज है या कानून का राज? सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर कांग्रेस भी सरकार पर हमलावर हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या वाकई एमपी में जंगल राज है? सवाल ये भी कि क्या कानून पर रसूख भारी है?

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मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की पहली पसंद बसपा विधायक रामबाई सिंह एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार रामबाई अपने पति गोविंद सिंह की फरारी और उस पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल गोविंद सिंह पर कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या का मामला दर्ज है, लेकिन रसूख ऐसा कि क्या पुलिस, क्या कोर्ट, विधायक पति के लिए कार्रवाई सिर्फ कागजी है। हालांकि इस बार बसपा विधायक रामबाई सिंह परिहार और उनके पति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शुक्रवार को देवेंद्र चौरसिया के बेटे की याचिका पर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी गोविंद सिंह की गिरफ्तारी न होने पर मध्यप्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि ये मान लिया जाए कि मध्यप्रदेश में अब जंगल राज है ? सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई तो 15 महीने की सत्ता में रहने के दौरान रामबाई सिंह को दुलारने पुचकारने वाली कांग्रेस ने सरकार को घेरने में देरी नहीं की।

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बहरहाल मध्यप्रदेश में कानून का राज है या फिर जंगल राज? इस पर शुरू हुआ सियासी संग्राम आगे भी जारी रहेगा, लेकिन सच तो ये है कि बसपा की इकलौती विधायक का प्रभाव न सिर्फ बीजेपी पर है बल्कि कांग्रेस पर भी रहा है। ये वही विधायक हैं जिन्होंने फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए कांग्रेस को वोट किया था और अब सत्ता जाने के बाद बीजेपी की तरफ आ गईं है। जाहिर है बीजेपी और कांग्रेस के लिए सरकार बचाने में मदद करने वाली रामबाई दोनों ही पार्टियों के लिए संकटमोचक की भूमिका में रहती हैं और रामबाई के रसूख के कारण ही पुलिस उनके पति को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या कानून पर भी रसूख भारी है? सवाल ये भी कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब क्या कदम उठाएगी सरकार?

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