भोपाल: मध्यप्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य पर हर सियासी दल की नजर रहती है, वो कहां जा रहे हैं, किससे मिल रहे हैं? सुर्खियों में रहता है। एक बार फिर सिंधिया बुधवार को भोपाल पहुंच रहे हैं, उनके इस दौरे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, तो विपक्ष कह रहा है सिंधिया ने बीजेपी को सत्ता दिलाई। मगर उनके समर्थकों को डेढ़ साल में वो सम्मान नहीं मिल पाया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ये वो नाम है जिसने मध्यप्रदेश की सियासत में ऐसा दांव खेला कि सियासत के सारे सुरमा चौंक गए थे। एक बार फिर सिंधिया के दौरों को लेकर सियासत के पंडित अलग-अलग भविष्यवाणी कर रहे हैं, क्योंकि सिंधिया महीनेभर के अंदर दूसरी बार बुधवार को भोपाल पहुंच रहे हैं। लिहाजा कोई कह रहा है कि संगठन में अपने लोगों को सक्रिय करना चाहते हैं, तो कोई कह रहा है कि निगम मंडल में 4 से 5 समर्थकों के नाम पर मुहर लग चुकी है।
समर्थक और बीजेपी नेता भले ही दौरों को रूटीन प्रक्रिया बता रहे हों, मगर निगम मंडल में जिन्हें जगह मिलनी तय मानी जा रहा है उसमें गिर्राज दंडोतिया, इमरती देवी, रघुराज कंसाना, मुन्नालाल गोयल के नाम सामने आ रहे हैं। चर्चा है कि इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल सकता है, सिंधिया तो अपने आधा दर्जन समर्थकों को निगम मंडल में देखना चाहते हैं। तो इधर कांग्रेस का कहना है कि डेढ़ साल हो गए बीजेपी ने सिंधिया समर्थकों को कुछ नहीं दिया।
सिंधिया की सियासत के रास्ते इतने आसान नहीं है। ग्वालियर में बीजेपी के बड़े नेताओं को अपने राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। सिंधिया के बढ़ते कद के आगे ग्वालियर से दूसरे बीजेपी नेताओं का कद अब बौना होता जा रहा है। सिंधिया का आगे जितना कद बढ़ेगा…नरेंद्र सिंह तोमर और प्रभात झा के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। देखना होगा इस बार सिंधिया का दौरा अपने समर्थकों को क्या नया तोहफा देते हैं।