नई दिल्ली: भारत सहित पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है, इसी बीच दुनिया के सामने ये नई मुसीबत अंतरिक्ष से आ रही है। अंतरिक्ष से आ रही इस नई मुसीबत को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक परेशान हैं। दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने करीब डेढ़ महीने पहले खुलासा किया था कि धरती की तरफ एक बहुत बड़ा एस्टेरॉयड तेजी से आ रहा है और अब यह एस्टेरॉयड बस कुछ घंटे में धरती के बगल से गुजरने वाली है। हालांकि यह एस्टेरॉयड धरती से लाखों किलोमीटर दूरी से गुजरने वाली है, लेकिन अगर दिशा में जरा सा भी परिवर्तन हुआ तो खतरा भयानक होगा।
मिली जानकारी के अनुसार आगामी कुछ देर में धरती के बगल से गुजरने वाल यह एस्टेरॉयड धरती के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट से भी कई गुना बड़ा है। इतनी गति से यह अगर धरती के किसी हिस्से में टकराएगा तो बड़ी सुनामी ला सकता है या फिर कई देश बर्बाद कर सकता है। सामने से आ रही आफत की स्पीड किसी रॉकेट से तीन गुनी ज्यादा हो। इस गति से अगर यह धरती या किसी भी ग्रह से टकराया तो बड़ी बर्बादी ला सकता है।
A large asteroid (1998 OR2) is due to pass on April 29. pic.twitter.com/71qA7bnYGO
— Aeronautic & Space Science.(ASS) (@AeronauticsAnd) April 27, 2020
हालांकि नासा ने यह भी कहा है कि इस एस्टेरॉयड से घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। नासा ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि यह एस्टेरॉयड धरती से 63 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा, जो धरती से बहुत दूर मानी जाती है। इस एस्टेरॉयड को 52768 (1998 OR 2) नाम दिया गया है। इस एस्टेरॉयड को नासा ने सबसे पहले 1998 में देखा था। इसका व्यास करीब 4 किलोमीटर का है। इसकी गति करीब 31,319 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यानी करीब 8.72 किलोमीटर प्रति सेंकड। ये एक सामान्य रॉकेट की गति से करीब तीन गुना ज्यादा है। ऐसी दिखती है धरती की तरफ आ रही आफत।
Awesome radar imagery of #asteroid (52768) 1998 OR2 & flyby simulation in video below.
It will have a SAFE “close” flyby of #Earth on April 29 & it’s closest approach will be 6.3 million kms.
Asteroid flybys are nothing new!
Credit: Arecibo Observatory/NASA/NSF/Steve Spaleta pic.twitter.com/Uji4aJWU0W
— Mark Steven (@_MarkSteven) April 26, 2020
बताया गया कि यह एस्टेरॉयड धरती के बगल से दोपहर के 3.26 मिनट पर गुजरेगा। इसे आप खुली आंखों से देख सकते हैं। बता दें कि साल 2013 में लगभग 20 मीटर लंबा एक उल्कापिंड वायुमंडल में टकराया था। एक 40 मीटर लंबा उल्का पिंड 1908 में साइबेरिया के वायुमंडल में टकरा कर जल गया था।
Have you been hearing about asteroid 1998 OR2’s close approach on April 29? Rest assured that this asteroid will safely pass Earth by 3.9 million miles/6.2 million km. Have other questions about #asteroids#planet#Space fact#Astranauts#Ask in inbox? pic.twitter.com/Lw0m23xK0p
— Aeronautic & Space Science.(ASS) (@AeronauticsAnd) April 27, 2020
इसके बारे में अंतरिक्ष विज्ञानी डॉक्टर स्टीवन प्राव्दो ने बताया कि उल्का पिंड 52768 सूरज का एक चक्कर लगाने में 1,340 दिन या 3.7 वर्ष लेता है। इसके बाद एस्टरॉयड 52768 (1998 OR 2) का धरती की तरफ अगला चक्कर 18 मई 2031 के आसपास हो सकता है। तब यह 1.90 करोड़ किलोमीटर की दूरी से निकल सकता है। खगोलविदों के मुताबिक ऐसे एस्टेरॉयड का हर 100 साल में धरती से टकराने की 50,000 संभावनाएं होती हैं। लेकिन, किसी न किसी तरीके से ये पृथ्वी के किनारे से निकल जाते हैं।
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