कोरोना से निपटने का क्या है प्लान? हम मूकदर्शक नहीं बन सकते.. सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल | What is the plan to deal with Corona? We cannot be mute spectators

कोरोना से निपटने का क्या है प्लान? हम मूकदर्शक नहीं बन सकते.. सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल

कोरोना से निपटने का क्या है प्लान? हम मूकदर्शक नहीं बन सकते.. सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सवाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : April 27, 2021/9:37 am IST

नई दिल्ली। देश में लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। एससी ने कहा कि इस संकट के दौर में हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते। अदालत ने कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए उसका क्या प्लान है।

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जस्टिस एस.आर भट ने कहा, ‘मैं दो मुद्दे उठाना चाहता हूं, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। पहली बात यह कि कैसे केंद्रीय संसाधनों का इस्तेमाल किया जाए। पैरामिलिट्री डॉक्टर्स, पैरामेडिक्स, आर्मी फैसिलिटीज और डॉक्टर्स का कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार के पास इस संकट से निपटने के लिए कोई प्लान है या नहीं।’

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से दखल देना जरूरी है। इस संकट के दौर में शीर्ष अदालत मूक दर्शक बनकर नहीं बैठी रह सकती। सुप्रीम कोर्ट के सवालों पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हम पूरी सतर्कता के साथ स्थिति को संभालने में जुटे हैं।

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बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को नोटिस जारी कर यह पूछा था कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उसकी राष्ट्रीय स्तर पर क्या योजना है। मौजूदा स्थिति को ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ के समान बताते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन और दवाओं की सप्लाई और टीकाकरण को लेकर भी जवाब मांगा था। 

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बता दें SC ने कोरोना के बढ़ते केसों का संज्ञान लेते हुए कहा कि उच्च न्यायालयों को राज्यों में हालातों की निगरानी करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालयों को निगरानी करनी चाहिए, लेकिन शीर्ष अदालत भी चुप नहीं बैठ सकती। कोर्ट ने कहा कि हमारा काम यह है कि राज्यों के बीच समन्वय कायम किया जा सके। इसके अलावा अदालत ने यह भी पूछा है कि क्या इस संकट में सेना और अन्य बलों का भी केंद्र सरकार की ओर से इस्तेमाल किया जाएगा।