नई दिल्लीः कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं और किसान आंदोलने से जुड़े याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है और एक कमेटी का गठन किया है। कोर्ट की ओर से गठित कमेटी में चार लोगों को शामिल किया गया है, जिसमें भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल शेतकारी शामिल हैं। लेकिन किसानों ने सप्रीम कोर्ट की कमेटी को मानने से इंकार कर दिया है।
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किसानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि सरकार अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध कल दिया था। हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं।
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भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि हमने कल ही कहा था कि हम ऐसी किसी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। हमारा आंदोलन हमेशा की तरह आगे बढ़ेगा। इस समिति के सभी सदस्य सरकार समर्थक हैं और सरकार के कानूनों को सही ठहरा रहे हैं।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि कल हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें हम तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला दिवस है और 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव है।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कमेटी पर सवालिया निशान लगाए थे। कांग्रेस सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमेटी में जिन सदस्यों को शामिल किया गया है वे कृषि कानून के समर्थन में बयान दे चुके हैं। किसानों के साथ ये बड़ी साजिश है।
We had said yesterday itself that we won’t appear before any such committee. Our agitation will go on as usual. All the members of this Committee are pro-govt and had been justifying the laws of the Government: Balbir Singh Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R) https://t.co/KE9vMGUKjl pic.twitter.com/n2FFh5oj9k
— ANI (@ANI) January 12, 2021