उत्तरप्रदेश । इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक बेहद दिलचस्प पिटीशन दाखिल की गई है। याचिका में असली और नकली किन्नर में वास्तविक पहचान करने के लिए नियम बनाने की गुजारिश की गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि असली किन्नरों का मेडिकल टेस्ट करवाकर उनकी पहचान की जाए और उनके अधिकारों का संरक्षित किया जाए।
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याचिकाकर्ता मंजू पाठक की इस जनहित याचिका पर इलाहबाद हाईकोर्ट की डबल बैंच के जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस पंकज भाटिया ने केस की सुनवाई की। पिटीशन में किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखा है। पिटीशन में कहा गया है कि बहुत से लोग किन्नरों के वेश में किन्नरों के बीच शामिल हो गए हैं। ऐसे लोग बच्चों के जन्म पर, शादी विवाह के अलावा ट्रेनों में जाकर आतंक मचाते हैं और एक तरह से जर्बदस्ती पैसे वसूलते हैं।
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याचिका में नकली किन्नरों की उच्चस्तरीय मेडिकल जांच कराये जाने की मांग की गई है, जिससे असली और नकली किन्नर का भेद पता चल सके। हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सभी पक्षों से जवाब तलब किया है।