क्या चुनावी हथकंडा था शाहीन बाग का प्रदर्शन? पहले के मुकाबले कम हुई भीड़ | Was Shaheen Bagh's performance an election tactic? Previous matches reduced crowd

क्या चुनावी हथकंडा था शाहीन बाग का प्रदर्शन? पहले के मुकाबले कम हुई भीड़

क्या चुनावी हथकंडा था शाहीन बाग का प्रदर्शन? पहले के मुकाबले कम हुई भीड़

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 PM IST
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Published Date: February 14, 2020 3:06 pm IST

नईदिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन में लगातार भीड़ कम हो रही है, शाहीनबाग प्रदर्शनस्थल पर पहले के मुकाबले भीड़ कम हुई है। मंच से बार-बार ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए अब अपील की जा रही है। गुरुवार को भी मंच से लाउडस्पीकर पर लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में यहां पहुंचने की अपील की जा रही थी।

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प्रदर्शनस्थल पर वेलेंटाइन डे की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री के नाम से गुलदस्ते बनाकर रखे गए हैं। उन पर अंग्रेजी में लिखा है कि मोदी कृपया शाहीनबाग में आइए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दो माह से उनका प्रदर्शन चल रहा है। प्रधानमंत्री अपने चुनावी भाषणों में कई बार प्रदर्शन का जिक्र कर चुके हैं। तीन तलाक के मुद्दे पर भी उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपनी चिंता जाहिर की थी। अगर उन्हें उनकी चिंता है तो वह उनसे मिलने क्यों नहीं आते।

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मंच पर मोदी प्रदर्शन के दौरान दबंग दादियों के नाम से मशहुर हुई बुजुर्ग सरबरी, बिलकिस लोगों का हौंसला भी बढ़ा रही हैं। गुरुवार सुबह जहां प्रदर्शनस्थल पर पहले के मुकाबले भीड़ कम थी, वहीं रात के समय बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्रित हुए। इस दौरान धरनास्थल पर कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ।

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शाहीनबाग में प्रदर्शनस्थल पर गुरुवार को पुलवामा हमले की पूर्व संध्या पर मंच के सामने लोगों ने बड़ी संख्या में मोमबत्तियां जलाकर शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा जिले के लेथपोरा में सुरक्षा कर्मियों के वाहनों के काफिले पर एक वाहन-जनित आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 40 जवानों और हमलावर की मौत हो गई थी।

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