बिलासपुर। सिम्स में पदस्थ स्टाफ नर्स को वरिष्ठता एवं पदोन्नति से सम्बंधित प्रकरण में शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक के विरुद्ध छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा जमानती वारंट जारी किया गया है। साथ ही 26 मार्च को उपस्थित होने हेतु आदेशित किया है। सिम्स के प्रारम्भ से ही पदस्थ स्टाफ नर्सों जिसमे के के आसना, कमलेश जैकब, उज्जवला दास व सरिता बहादुर व अन्य शामिल है, ने वरीयता एवं पदोन्नति की मांग को लेकर रिट याचिका दायर की थी।
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याचिकाकर्ताओं के अनुसार वे सिम्स बनने के पूर्व से ही सरदार वल्लभ भाई पटेल शासकीय चिकित्सालय में कार्यरत थी एवं उनकी 25 से 30 वर्ष की सेवा हो जाने के बाद भी उन्हें न तो सेवाकाल के प्रारम्भ से वरीयता दी जा रही है और न ही पदोन्नति । जबकि सिम्स बनने के बाद नियुक्त स्टाफ नर्सों को पदोन्नति दी जा रही है। जिस पर पूर्व में जस्टिस पी सैम कोशी की एकल पीठ ने याचिकाओं को निराकृत करते हुए स्वास्थ्य विभाग को आदेशित किया था कि याचिकाकर्ता नर्सों के प्रकरण 90 दिवस में निराकृत किया जावे।
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न्यायालय द्वारा निर्धारित अवधि में याचिका कर्ताओं के प्रकरण का निराकरण नही होने पर, उन्होंने अधिवक्ता के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की थी। अवमानना प्रकरण में पूर्व में नोटिस उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया था। नोटिस प्राप्त होने के बावजूद उक्त अधिकारी द्वारा जवाब प्रस्तुत न किये जाने के कारण, जमानती वारंट जारी किया गया है।
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