नई दिल्ली: मोदी सरकार और बीजेपी द्वारा आम चुनाव के दौरान किए वादे का सबसे अहम वादा पूरा करते हुए सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार ने पिछले तीन दिनों से लगाई जा रही अटकलों को विराम दे दिया है। सरकार ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर के साथ अब लद्दाख को भी केंद्र शासित राज्य बनाने का फैसला लिया है।
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मोदी सरकार के इस फैसले को के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा हुआ है। ज्यादातर लोग इस फैसले को लेकर मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर भी वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम मोदी अनशन पर बैठे हुए हैं और उनके पीछे एक बैनर लगा हुआ है, जिसमें लिखा है कि 370 हटाओ आतंकवाद मिटाओ और देश बचाओ। अब मोदी सरकार ने इसे हटाने का जो फैसला लिया है वो उनकी इस राज्य को देश के साथ जोड़ने की दशकों पुरानी प्रतिबद्धता को दिखा रहा है।
कश्मीर से घारा 370 को हटाने के लिए सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। इसके साथ ही आर्टिकल 35-A को भी हटा दिया गया है। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “महोदय, मैं संकल्प प्रस्तुत करता हूं कि यह सदन अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाने वाली निम्नलिखित अधिसूचनाओं की सिफारिश करता है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.</p>— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) <a href=”https://twitter.com/MehboobaMufti/status/1158257894149615616?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 5, 2019</a></blockquote>
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वहीं इस फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>It will have catastrophic consequences for the subcontinent. GOIs intentions are clear. They want the territory of J&K by terrorising it’s people. India has failed Kashmir in keeping its promises.</p>— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) <a href=”https://twitter.com/MehboobaMufti/status/1158257896926240768?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 5, 2019</a></blockquote>
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भारत के कानूनी मामलों में अदालतें भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई करती हैं। लेकिन जम्मू कश्मीर में ऐसा नहीं होता था। वहां भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी का प्रयोग नहीं होता था, लेकिन धारा 370 को हटाए जाने के बाद अब जम्मू कश्मीर में पूरे देश की तरह भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी लागू होगी।
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