आज़ादी के बाद पहली बार रोशन हुईं गांव की गलियां, दूसरे राज्य से होकर जाना पड़ता था इस दुर्गम इलाके में | Village streets lighted for the first time after independence Had to go through another state in this inaccessible area

आज़ादी के बाद पहली बार रोशन हुईं गांव की गलियां, दूसरे राज्य से होकर जाना पड़ता था इस दुर्गम इलाके में

आज़ादी के बाद पहली बार रोशन हुईं गांव की गलियां, दूसरे राज्य से होकर जाना पड़ता था इस दुर्गम इलाके में

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : May 3, 2020/5:05 am IST

सुकमा । ज़िले का एक इलाक़ा जहां पहुंचना भी किसी युद्ध लड़ने से कम नहीं माना जाता है, वहां आज़ादी के बाद पहली बार मंत्री कवासी लखमा की पहल रंग लाई और अब अंधकार में डूबे गोलापल्ली तक बिजली की सप्लाई शुरु कर दी गई है, दरअसल गोलापल्ली इलाके के लोगों की वर्षों से बिजली पहुंचाने की मांग रही है, मंत्री कवासी लखमा जब इलाके के विधायक थे, तब भी वे प्रयास करते रहे हैं की किसी तरह इन इलाक़ों को भी रोशन किया जाए ।

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गोलापल्ली इलाके तक पहुंचने तेलंगाना से ही एक मात्र रास्ता था, भद्राचलम के रास्ते इस इलाके तक पहुंचा जाता है, ऐसे में यहां बिजली की सप्लाई पहुंचाना किसी युद्ध लड़ने से कम नहीं माना जाता है, यहां किसी भी तरह की सुविधा तेलंगाना के रास्ते ही पहुंचाई जा सकती है, पर अलग प्रदेश होने के चलते तेलंगाना सरकार छत्तीसगढ़ के इस हिस्से पर ध्यान नहीं देती है।

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बिजली पहुंचने से क्षेत्र में अन्य विकास के रास्ते भी खुलेंगे, वहीं बिजली पहुंचने से यहां के लोगों के चेहरे भी खिल उठे हैं । गोलापल्ली इलाके तक बिजली पहुंचाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं मंत्री कवासी लखमा की पहल के साथ साथ सुकमा ज़िला प्रशासन एवं कलेक्टर चंदन कुमार व एसपी शलभ सिन्हा ने भी मेहनत की है, बिजली के विस्तार कार्य मे दोनों ही अधिकारी दिन रात एक कर कार्य की मॉनिटरिंग करते रहे, जिसका नतीजा रहा की बारिश से पूर्व ही यहां बिजली की सप्लाई चालू कर दी गई है।