जबलपुर। मुकदमों के बोझ तले दबे प्रदेश के न्यायालयों में कोविड 19 संक्रमण के चलते कामकाज़ बंद है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग को न्याय पाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के पालन में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौर में अर्जेन्ट मुकदमों की सुनवाई के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।
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नई गाइडलाइन के तहत मुकदमों की सुनवाई के लिए पक्षकारों को अदालत में उपस्थित होने की ज़रूरत नही होगी, बल्कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अर्जेन्ट हियरिंग की जा सकेगी। गौरतलब है कि 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिए थे कि लाॅकडाउन की अवधि में वीडियो कांफ्रेंसिग के ज़रिए अर्जेंट मामलों की सुनवाई की जाए।
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नई गाइडलाइन के तहत अधिवक्ता या फिर पक्षकार ई फाइलिंग के ज़रिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट में निर्धारित प्रक्रिया के तहत मुकदमें दायर कर सकेंगे। यदि ऑनलाइन ई फाइलिंग मे दिक्कत आती है तो वे अपने दस्तावेज़ों को पीडीएफ स्कैन कर उसे भी अपलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही जिला अदालतों को भी आदेश दिए गए हैं कि वे 48 घंटों में वीसी प्वाइंट स्थापित करें।
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उच्च न्यायालय प्रशासन ने सभी जिला सत्र न्यायाधीशों को पत्र जारी करते हुए वीसी प्वाइंट्स तैयार करने के आदेश जारी किए हैं । इसके साथ ही जिला स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया है जिसकी विधिवत सूची हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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