नई दिल्ली। वाहन चोरी और वाहनों के नकली पुर्जों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए अब माइक्रोडॉट तकनीक (microdot technology in vehicle in hindi) का इस्तेमाल किया जाएगा। सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक मसौदा जारी किया है। इसके तहत केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन के जरिए मोटर वाहनों और उनके पुर्जों, हिस्सों और दूसरे कलपुर्जों के लिए अनुमति दी गई है कि इन सब पर स्थायी और लगभग अदृश्य माइक्रोडॉट चिन्ह बनाए जाएं।
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इन चिन्हों को माइक्रोस्कोप के जरिए पढ़ा जा सकता है औरा पराबैंगनी प्रकाश से उनकी पहचान की जा सकेगी। माइक्रोडॉट तकनीक (car anti theft technology in vehicle in hindi) के तहत किसी भी वाहन के हिस्से, पूरे वाहन और दूसरी मशीनों पर स्प्रे के जरिए माइक्रोस्कोपिक डॉट बनाये जाते हैं, जिसे पहचान करने की अनोखी विधि है। माइक्रोडॉट इन वाहनों और उनके पुर्जों पर स्थायी रूप से बन जाएंगे और इन पुर्जों या वाहन को नष्ट किए बिना माइक्रोडॉट मिटाए नहीं जा सकते। केंद्र सरकार ने इस मसौदा अधिसूचना पर 30 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्ति मांगी है।
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