शुरू हो चुका है वैशाख माह, तीर्थ स्नान और दान की है विशेष महिमा.. जानिए | Vaishakh month has started, bathing and donating special glory

शुरू हो चुका है वैशाख माह, तीर्थ स्नान और दान की है विशेष महिमा.. जानिए

शुरू हो चुका है वैशाख माह, तीर्थ स्नान और दान की है विशेष महिमा.. जानिए

:   Modified Date:  November 28, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : April 12, 2020/11:53 am IST

रायपुर। इस साल वैशाख माह की शुरुआत 9 अप्रैल से हो गई जो 7 मई तक चलेगा। हिंदू कैलेंडर में दूसरे महीने का नाम वैशाख है। इस महीने पूर्णिमा तिथि पर विशाखा नक्षत्र होने से इसे वैशाख मास कहा जाता है। इस माह को पुण्य देने वाला महीना कहा गया है। महाभारत, स्कंद पुराण और पद्म पुराण एवं निर्णय सिंधु ग्रंथ में वैशाख माह का महत्व बताया गया है। इन ग्रंथों के अनुसार ये भगवान विष्णु का प्रिय महीना है। इसमें सुबह सूर्योदय से पहले नहाने का महत्व बताया है। इसके अलावा वैशाख माह में तीर्थ या गंगा स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

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इस महीने में सूर्योदय से पहले उठकर नहाना चाहिए। तीर्थ स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। हर दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। भगवान विष्णु को तुलसी पत्र और पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं। इसके बाद ही दूध या अन्न लेना चाहिए। हर दिन जल या थोड़े से अन्न का दान करना चाहिए। संभव हो तो हर दिन एक समय भोजन करें। महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

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जानिए महत्व

नारद जी के अनुसार ब्रह्मा जी ने इस महीने को अन्य सभी महीनों में सबसे श्रेष्ठ बताया है। उन्होंने इस महीने को सभी जीवों को मनचाही फल देने वाला बताया है। नारद जी के अनुसार ये महीना धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार है और देवताओं द्वारा पूजित भी है।

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उन्होंने वैशाख माह का महत्व बताते हुए कहा है कि जिस तरह विद्याओं में वेद, मन्त्रों में प्रणव अक्षर यानी ऊं, पेड-पौधों में कल्पवृक्ष, कामधेनु, देवताओं में विष्णु, नदियों में गंगा, तेजों में सूर्य, शस्त्रों में चक्र, धातुओं में सोना और रत्नों में कौस्तुभमणि है। उसी तरह अन्य महीनों में वैशाख मास सबसे उत्तम है।