नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आगामी वर्ष में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन सियासी गलियारों में अभी से ही सियासी सरगर्मी महसूस की जा रही है। दरअसल पिछले लगभग तीन सप्ताह से दिल्ली से लेकर लखनऊ बीजेपी के तमाम नेताओं की बैठक लगातार जारी है। वहीं, पार्टी नेताओं की लगातार हो रही बैठकों को लेकर अब कयासों का बाजार गर्म है, लोग संगठन से लेकर सरकार तक में फेरबदल के कयास लगा रहे हैं। हालांकि, बीजेपी केंद्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रदेश नेतृत्व के द्वारा किसी तरह के बदलाव को अटकलबाजी करार देते हुए प्रदेश में ‘ऑल इज वेल’ बता रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि यूपी में आखिर चल क्या रहा है?
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अगर गौर करें तो कोरोना की दूसरी लहर के चलते जनता के बीच असंतोष और पंचायत चुनाव के सामने आए नतीजे ने भाजपा हाईकमान की चिंता बढ़ा दी है। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दलों ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, रोजाना आरोप—प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इन सबको देखते हुए पार्टी हाईकमान को नुकसान की चिंता सताने लगी है।
देखिए अब तक कितनी बैठकें हुई
23 जून को मोदी—शाह और जेपी नड्डा के साथ बैठक
उत्तर प्रदेश के सियासी हालात को लेकर 23 मई को भाजपा हाईकमान की अहम बैठक हुई। इस बैठक में अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के बीच अहम चर्चा हुई। इस बैठक में प्रदेश संगठन के महामंत्री सुनील बंसल भी शामिल थे, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ नदारद थे।
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24 से 26 मई तक लखनऊ में अहम बैठकें
23 मई को मोदी, शाह और नड्डा के साथ बैठक के बाद 24 मई को दत्तात्रेय होसबले और सुनील बंसल लखनऊ पहुंचे। यहां लगभग दो दिनों तक संघ परिवार के सदस्यों और भाजपा नेताओं के बीच मैराथन बैठक हुई। सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने आरएसएस के यूपी पदाधिकारियों के साथ बातचीत कर बीजेपी और संघ परिवार के संगठनों के बारे में फीडबैक लिया है और 26 मई को वापस लौट गए। हालांकि इस दौरान न उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और न ही प्रदेश अध्यक्ष से मिले।
27 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल की मुलाकात
दत्तात्रेय होसबले के लौटने के दूसरे दिन 27 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के साथ ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं काफी तेज हो गई थी, क्योंकि मौजूदा समय में सूबे में कुल 53 मंत्री हैं जबकि मंत्रिमंडल में 60 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में सात मंत्रियों का स्थान रिक्त है। हालांकि प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया था।
31 मई को बीएल संतोष और राधा मोहन की यूपी में बैठक
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश के पार्टी प्रभारी राधा मोहन सिंह यूपी के तीन के दौर पर 31 मई को लखनऊ पहुंचे थे। इस दौरान बीजेपी के दोनों ही केंद्रीय नेताओं ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के साथ-साथ योगी सरकार के करीब एक दर्जन मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बंद कमरे मुलाकात कर फीडबैक लिया। इस दौरान केंद्रीय नेताओं ने सभी मंत्रियों से पूछा कि यदि अभी की परिस्थितियों में यूपी विधानसभा के चुनाव होते हैं तो नतीजे क्या होंगे? बीजेपी की स्थिति क्या होगी? इसके अलावा यह भी पूछा गया कि पार्टी के विधायक योगी सरकार से नाराज क्यों हैं?
31 मई को सीएम आवास पर केंद्रीय नेताओं की बैठक
यूपी की सियासत में पिछले चार सालों में पहली बार यह था जब कोई केंद्रीय नेता सीएम योगी आदित्यनाथ की गैर-मौजूदगी में अलग-अलग मंत्रियों के साथ बातचीत किया हो। 31 मई को रात में बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह मुख्यमंत्री आवास पर शाम को योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक की और साथ में डिनर भी किया। इस तरह सरकार और संगठन दोनों के साथ बैठक कर सियासी मिजाज को समझने की कवायद की, जिसके बाद बड़े फेरबदल किए जाने की चर्चाएं तेज हो गई। यूपी की सियासी थाह लेने के बाद बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह दिल्ली लौटने से पहले ही कोरोना से निपटने के मामले में यूपी सरकार और सीएम योगी के कामों की तारीफ की। राधा मोहन सिंह तो सरकार में किसी तरह के बदलाव की चर्चाओं को अटकलबाजी बताते हुए ‘ऑल इज वेल’ का संदेश देने की कवायद करते नजर आए।
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3 जून को संघ परिवार के शिर्ष सदस्यों की अहम बैठक
तीन जून को दिल्ली में संघ परिवार के सदस्यों की अहम बैठक हुई। इस बैठक में सर संघचालक मोहन भागवत, सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले सहित संघ परिवार के कई सदस्य भी मौजूद रहे। बताया गया कि बैठक में पश्चिम बगाल के मौजूदा हालात और कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। वहीं, कहा यह भी जा रहा है कि यहां उत्तर प्रदेश के सियासी हालात को लेकर भी गंभीर मंथन हुआ।
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6 जून को बीजेपी हाईकमान की बैठक, उधर राधा मोहन ने राज्यपाल से की मुलाकात
6 जून को बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने उत्तर प्रदेश के सियासी हालात की रिपोर्ट भाजपा के शिर्ष नेताओं को सौंपी। 5 और 6 जून को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा कर घर पर एक बैठक हुई, जिसमें अगले साल होने वाले पांच राज्यों के चुनाव पर मंथन किया गया। इस बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा और बीएल संतोष और अरुण सिंह के बीच उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात को लेकर लंबी चर्चा हुई।
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वहीं, दूसरी ओर 6 जून को ही बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को एक बंद लिफाफा भी सौंपा है। राधा मोहन और राज्यपाल की मुलाकात से सियासी अटकलों का बाजार और गर्म हो गया। इस मुलाकात को लेकर अब ये अटकलें लगाई जा रही है कि यूपी में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
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