नई दिल्ली। देश में साल के आखिर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन हासिल की जा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में बनीं और ट्रायल से गुजर रहीं दोनों कोरोना वैक्सीन 2020 के अंत तक उपलब्ध हो सकती हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन Covaxin साल के आखिर तक उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम 2021 की पहली तिमाही में वैक्सीन इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो सकते हैं।
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स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक दुनियाभर में वैक्सीन ट्रायल को फास्ट-ट्रैक किया जा रहा है। स्वदेशी टीकों का ट्रायल साल के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि तब तक हमें पता चल जाएगा कि ये टीके कितने असरदार हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है ताकि बाजार तक उसके पहुंचने का समय कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि बाकी दोनों टीकों को बनाने और बाजार में उतारने में कम से कम एक महीने का और वक्त लग सकता है।
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बता दें कि ऑक्सफर्ड वैक्सीन पर सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि उसने भारत में ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है। अस्त्राजेनेका की यह वैक्सीन साल के आखिर तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। वहीं कोवैक्सिन जो कि हैदराबाद की भारत बायोटेक की वैक्सीन है इसका ट्रायल भी दो हफ्ते पहले शुरू हुआ है। यह वैक्सीन भी साल के अंत तक रेडी हो सकती है। वहीं जायकोव-डी, जायडस कैडिला ने भी इंसानों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। कुछ महीनों में ट्रायल पूरा हो सकता है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ICMR और भारत बायोटेक ने एमओयू साइन किया है कि अगर वैक्सीन सफल होती है तो भारत सरकार को सस्ती दरों पर वैक्सीन मुहैया कराने में प्राथमिकता दी जाएगी। सीरम इंस्टिट्यूट के साथ भी ऐसे ही समझौते की कोशिशें की जा रही हैं। हषवर्धन ने फिर साफ किया कि वैक्सीन उपलब्ध होने पर सबसे पहले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी। इसके बाद बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फिर उपलब्ध डोज के आधार पर सबको टीका लगाने की कवायद शुरू होगी।