नई दिल्ली। अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान आतंक फैला रहा है। गृह युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान में पाकिस्तान के 6500 आतंकवादी लड़ाई लड़ रहे हैं।
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पाकिस्तानी आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर पाकिस्तानी आतंकवादी तालिबान लड़ाकों के साथ अफगानिस्तान सरकार और अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्था ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि आजीविका की तलाश में अफगानिस्तान में करीब 6,500 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं, जिनकी सतर्कतापूर्वक निगरानी जरूरी है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर के 800 और जैश के 200 लड़ाके हैं, जो नंगरहार प्रांत के मोहमंद दर्रा, दुर बाबा और शेरजाद जिलों में तालिबान के साथ मौजूद हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) भी मोहमंद दर्रा के सीमावर्ती क्षेत्र के पास लाल पुरा जिले में उपस्थिति बनाए रखता है। कुनार प्रांत में लश्कर के 220 और जैश के 30 आतंकी हैं, जो तालिबान के साथ मिलकर हमले करते हैं।
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पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान में भी आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों आतंकी संगठनों के आतंकवादी बम विस्फोट और आत्मघाती हमलों के जरिए अफगानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया को भंग करना चाहते हैं। भारत ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अब स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया ही नहीं दुनिया में आतंकवाद फैला रहा है।
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जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले और 2019 में पुलवामा हमले समेत कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके हैं। सुरक्षा परिषद को सौंपी गई आईएसआईएस, अल-कायदा और संबंधित व्यक्तियों व संस्थाओं से संबंधित विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के मुताबिक अफगान अधिकारियों ने बताया कि कई समूह अफगानिस्तान में सुरक्षा के सामने खतरा पैदा कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान के अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा खतरा पैदा कर रहे समूहों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जैश और लश्कर शामिल हैं।