इंदौर: देश में खादी और हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षणिक संस्थानों को अनोखा फरमान जारी किया है। यूीजसी की ओर से जारी फरमान के अनुसार अब कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों और कर्मचारियों को संस्थान में होने वाले कार्यक्रम के दौरान खादी के ही कपड़े पहनकर आना होगा। वहीं, अधिकारियों की बात मानें तो यूजीसी की इस पहल से भारतीय संस्कृति का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार को मदद मिलेगी। ज्ञात हो कि देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में पिछले दो दिक्षांत समारोह के दौरान छात्र और शिक्षकों ने खादी के ही कपड़ों का इस्तेमाल किया था।
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यूजीसी की ओर से कुलपति को जारी आदेश के अनुसार यूनिवर्सिटी को संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में भी इसे लागू करना होगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त लगभग 280 कॉलेज हैं। बताया जा रहा है कि संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में इस नियम को जल्द ही लागू किया जाएगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव डॉ रजनीश जैन ने बताया कि खादी और हथकरघा से बने कपड़ों का उपयोग करने से भारतीय संस्कृति व पहनावे को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्हें रोजगार का नया अवसर मिलेगा।
देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ रेणु जैन ने बताया कि वे भी खादी के वस्त्रों का समर्थन करती हैं। यूजीसी के निर्देश के बाद प्रत्येक कार्यक्रम में स्टाफ को यह परिधान ही पहनने के लिए बोलेंगे।
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