मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जहां पूरे देश में प्रदर्शन का दौर लगातार जारी है। वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र में एनपीआर की प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक बार फिर एनसीपी-शिवसेना आमने-सामने आ गए हें। जहां सीएम उद्धव ठाकरे ने एनपीआर का समर्थन करते हुए प्रदेश में प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है, तो वहीं दूसरी ओर एनसीपी चीफ शरद पवार ने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे उनकी निजी राय बताया है। माना जा रहा है कि दोनों के रिश्तों में दरार आ सकती है। बता दें कि महराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार है।
मीडिया से बात करते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सीएए और एनआरसी दोनों अलग-अलग हैं और एनपीआर अलग है। किसी को भी सीएए लागू होने से चिंता करने की जरुरत नहीं है। इसमें एनआरसी नहीं है और हम राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे।
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: CAA & NRC both are different and NPR is different. No one has to worry if #CAA gets implemented. NRC is not there & will not be implemented in the state. pic.twitter.com/zxHwr1SZpp
— ANI (@ANI) February 18, 2020
यदि एनआरसी लागू किया जाता है तो इससे न केवल हिंदू या मुस्लिम बल्कि आदिवासी भी प्रभावित होंगे। केंद्र सरकार ने अभी तक एनआरसी पर बातचीत नहीं की है। एनपीआर एक जनगणना है और मुझे नहीं लगता कि इससे कोई भी प्रभावित होगा क्योंकि यह हर दस साल में होता है।
NCP Chief Sharad Pawar: Maharashtra CM Uddhav Thackeray has his own view but as far as NCP is concerned, we had voted against #CitizenshipAmendmentAct. https://t.co/e8AdMif6ks pic.twitter.com/VOXpxFhgT9
— ANI (@ANI) February 18, 2020
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वहीं, दूसरी ओर सीएम उद्धव ठाकरे के बयान पर पलटवार करते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि हमने सीएए के खिलाफ वोट किया था। पवार ने कहा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का इसपर अपना नजरिया हो सकता है लेकिन जहां तक एनसीपी का सवाल है हमने सीएए के खिलाफ वोट दिया था।
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#ATAL_RAAG_धर्मयोद्धा-धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा
39 mins ago