चेन्नई। खेलते-खेलते बोरवेल में गिरा दो साल के सुजीत की जान नहीं बच पाई। 72 घंटों की कोशिशों के बाद बचाव दल को निराशा हाथ लगी और बोरवेल से सोमवार देर सुजीत का शव बाहर निकाला गया। इस दौरान मासूम सुजीत की लाश देख हर किसी की आंखें नम हो गई।
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25 अक्टूबर की शाम से बोरवेल में गिरे मासूम की सही सलामती की वापसी के लिए सैकड़ों लोग दुआ मांग रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चेन्नई के मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी, राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेता सुजीत की वापसी पर लगातार नजर बनाए हुए थे, लेकिन रेस्क्यू कर रही टीम को सोमवार देर रात निराशा हाथ लगी। 72 घंटों की कोशिशें पूरी तरह नाकाम हो गई और सांस थमने के बाद उसकी लाश टीम ने बाहर निकाला।
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बच्चे को बचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन की कई टीमों को लगाया गया था। वहीं, मासूम पहले 26 फीट गहरे गड्डे में गिरा था। उसे बचाने के दौरान वह अचानक वह 70 फीट तक की गहराई तक नीचे गिर गया। इस दौरान बच्चे को लगातार आक्सीन की सप्लाई की जा रही थी। बचाव दल ने बाद में बचाव दल ने एक विशेष उपकरण ‘बोरवेल रोबॉट’ का इस्तेमाल किया, लेकिन वह भी सफल नहीं रहा। अंत में उसकी लाश बचाव दल ने बरामद की। मौत से पूरा तमिलनाडु में शोक की लहर दौड़ गई है।