रायपुर: मानसून और बारिश की फुहारों से छत्तीसगढ़ में मौसम का पारा तो नीचे आ गया है, लेकिन नेताओं के बयानों से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस और धरना प्रदर्शन के जरिए, तो कभी सोशल मीडिया पर हमले जारी हैं। दो दिन पहले बीजेपी के पांच दिग्गज नेताओँ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भूपेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल पर सवालों की झड़ी लगा दी, तो अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर तंस कसा कि रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ गरीब राज्य रहा। सीएम के ट्वीट के बाद एक बार 15 साल बनाम ढाई साल की जंग छिड़ गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस ट्वीट ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से 15 सालों के विकास वर्सेस ढाई सालों के विकास की बहस छेड़ दी है। सीएम बघेल ने प्रदेश में खुल रहे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूलों की शानदार तस्वीरें शेयर कीं, और इन्हें नए छत्तीसगढ़ के निर्माण की तस्वीर करार दिया। लेकिन बीजेपी ने सरकार के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रमन सिंह के कार्यकाल में छग का चौमुखी विकास हुआ।
प्रदेश के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल तो केवल एक बानगी है जिसे भूपेश सरकार विकास की तस्वीरों के रूप में पेश कर रही है। विकास के दावों में उन वादों का पूरा होना भी शामिल हैं जिसे राज्य सरकार अपने ढाई साल की बड़ी उपलब्धि मानती है। किसानों को प्रति क्विंटल धान के लिए 25 सौ रुपए का भुगतान, उनके ऋणों की माफी, लोगों के बिजली बिल को आधा कर देना सरकार की फ्लैगशिप उपलब्धि बताई जाती हैं। कोरोना काल में भी सरकार ने किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिये 15 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की। गोधन न्याय योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी जैसी योजनाएं भी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के रूप में गिनाई जाती हैं।
दूसरी ओर सीएम के ट्वीट पर बीजेपी ने पलटवार किया कि कांग्रेस के 50 वर्षों के विकास की तुलना में रमन सिंह के 15 वर्षों का कार्यकाल भारी है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में तो छत्तीसगढ़ 10 साल और पीछे चला गया है। बीजेपी ने ये आरोप भी लगाया कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बजाय बोरबो छत्तीसगढ़ की दिशा में जा रहा है प्रदेश।
बहरहाल नवा छत्तीसगढ़ को लेकर सीएम भूपेश बघेल के ट्वीट पर एक बार सियासी तकरार बढ़ गया है। एक बार फिर 15 साल बनाम ढाई साल पर जुबानी जंग तेज है। दोनों पक्षों का अपना-अपना दावा है, लेकिन मूल सवाल यही है कि बेहतर कौन है ये तय कौन करेगा?