नई दिल्ली। ईरान द्वारा मानव रहित अमेरिकी ड्रोन गिराए जाने की घटना के बाद ट्रंप बौखलाए हुए हैं। ट्रंप ने शुक्रवार तड़के अमेरिकी सेना को ईरान के कुछ ठिकानों में हमला करने की इजाजत भी दे दी थी। विमानो ने उड़ान भी भर दी थी लेकन ऐन वक्त पर फैसला बदल दिया गया। ईरान ने भी स्वीकार किया था कि सुरक्षाबलों ने निगरानी ड्रोन को मार गिराया था। ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री के साथ मिलकर मीडिया में अपनी बात रखी थी कि निगरानी ड्रोन अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मौजूद था जिसे ईरान ने गिरा दिया। ड्रोन गिराकर ईरान ने बड़ी गलती कर दी है।
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जानकारी न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले में मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना ईरान के कई अहम जगहों पर हमला करने वाली थी। हमले को सूर्य निकलने से पहले अंजाम देना था। लेकिन ये फैसला बदला गया। इससे पहले हमले के लिए अमेरिकी विमान हवा में थे और पोत अपनी पोजीशन पर थे। लेकिन फैसला बदलने के बाद कोई मिसाइल नहीं दागी गई।
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बता दें अमेरिकी ड्रोन गिराए जाने के बाद ट्रंप ने कहा था कि ईरान ने बड़ी गलती कर दी है, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है। ईरान ने 13 करोड़ अमेरिकी डॉलर कीमत वाले मानवरहित निगरानी ड्रोन को मार गिराया था। इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर हमले की स्वीकृति दी थी। ईरान पर हमले की खबर के बाद भारत ने खाड़ी से अपने जहाजों को वापस बुलाने की कवायद शुरू कर दी थी। अगर अमेरिका ईरान पर हमला कर देता तो यह उसका तीसरा बड़ा हमला होता। इससे पहले अमेरिका ने सीरिया के कई ठिकानों में साल 2017 और 2018 में हमले कर चुका है।
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