अन्न दान का महापर्व छेरछेरा आज, माईकोठी के धान ल हेर.. हेरा | Today is the great day of CherChera festival, know this things

अन्न दान का महापर्व छेरछेरा आज, माईकोठी के धान ल हेर.. हेरा

अन्न दान का महापर्व छेरछेरा आज, माईकोठी के धान ल हेर.. हेरा

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 PM IST
,
Published Date: January 28, 2021 2:47 am IST

रायपुर। अन्न दान का महापर्व छेरछेरा आज छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद पौष पूर्णिमा के दिन छेरछेरा का पर्व मनाया जाता है। वहीं आज सुबह से ही प्रदेश में पर्व को लेकर बच्चों, युवा और महिलाओं में खासा उत्साह नजर आ रहा है। यह उत्सव कृषि प्रधान संस्कृति में दानशीलता की परंपरा को याद दिलाता है।

Read More News: सीएम बघेल 28 को कांकेर को देंगे 342 करोड़ की सौगात, पाटन में गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में होंगे शामिल

बता दें कि इस दिन छेरछेरा, माईकोठी के धान ल हेरहेरा बोलते हुए गांव के बच्चे, युवा और महिला संगठन खलिहानों और घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप प्राप्त पैसे इकट्ठा करते हैं और इकट्ठा किए गए धान और राशि रामकोठी में रखते हैं और वर्ष भर के लिए अपना कार्यक्रम बनाते हैं।

Read More News: महिला फुटबॉल लीग प्रतियोगिता, स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की टीम 1-0 से विजयी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा पर्व की बधाई दी है। अपने शुभकामना संदेश में कहा कि यह त्यौहार हमारी समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता की गौरवशाली परम्परा का संवाहक है।

Read More News: कोदो-कुटकी का भी समर्थन मूल्य जल्द होगा घोषित, सीएम बोले-ज्यादा मुनाफे के लिए अनाज और वनोपज का प्रसंस्करण जरुरी

भगवान शंकर मां अन्नपूर्णा से मांगी थी भिक्षा

पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। आज ही मां शाकम्भरी जयंती है। इसलिए लोग धान के साथ साग-भाजी, फल का दान भी करते हैं। मान्यता है कि रतनपुर के राजा छह माह के प्रवास के बाद रतनपुर लौटे थे। उनकी आवभगत में प्रजा को दान दिया गया था। छेरछेरा के समय धान मिसाई का काम आखरी चरण में होता है।

इस दिन छोटे-बड़े सभी लोग घरों, खलिहानों में जाकर धान और धन इकट्ठा करते हैं। इस प्रकार एकत्रित धान और धन को गांव के विकास कार्यक्रमों में लगाने की परम्परा रही है। छेरछेरा का दूसरा पहलू आध्यात्मिक भी है, यह बड़े-छोटे के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है।

Read More News:  दर्दनाक हादसा : ईधन से भरे ट्रक और बस में टक्कर के बाद लगी आग, 53 लोग जिंदा जले, 21 से ज्यादा 

 
Flowers