हजारों आदिवासी 13 नंबर खदान के गर्भगृह में पहुंचकर किए दर्शन, कहा- आदिवासियों की संस्कृति को बचाना जरूरी | Thousands of tribals visited number 13 in the sanctum sanctorum, said - it is necessary to save the culture of tribals

हजारों आदिवासी 13 नंबर खदान के गर्भगृह में पहुंचकर किए दर्शन, कहा- आदिवासियों की संस्कृति को बचाना जरूरी

हजारों आदिवासी 13 नंबर खदान के गर्भगृह में पहुंचकर किए दर्शन, कहा- आदिवासियों की संस्कृति को बचाना जरूरी

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 PM IST
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Published Date: August 10, 2019 1:35 am IST

बस्तर। विश्व आदिवासी दिवस के दिन हजारों की संख्या में आदिवासी 13 नंबर खदान के गर्भगृह में पहुंचकर माता पेटटोड मेटा और नंदराज की पूजा अर्चना की। साथ ही एक साथ बुलंद आवाज में नारे लगाते हुए नंदराज की रक्षा करने का संकल्प लिया।

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दरअसल पहले किरंदुल के गोंडवाना भवन में एकत्रित हुए हजारों आदिवासी एनएमडीसी चेक पोस्ट पहुंचे। जहां सीआईएसएफ ने सरंक्षित क्षेत्र और दुर्घटना बहुल्य मार्ग होने का हवाला देते वाहनों में जाने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद आदिवासी ग्रामीण पैदल ही 14 किलोमीटर का सफर करने निकल पड़े।

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आदिवासी महिला पुरुष अनुशासित अंदाज में खदान नम्बर 13 पहुंचकर हिरोली के बड्डे हूंगा, पुजारी जोगया और गायता पेरमा की मौजूदगी में अपने इष्ट देवों की आराधना की। रास्ते भर में काटे गए पेड़ों को देख आदिवासी खासे नाराज नजर आए। अदिवासियों का कहना है कि आदिवासियों की संस्कृति को बचाना है। खदानों से पेड़, पौधे, पशु, पक्षी, पानी सभी प्रभावित हो रही है जिसे रोकना बहुत जरूरी है।

 
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