महाराष्ट्र । राज्य के बीड जिले में पिछले तीन सालों में बड़ी संख्या में महिलाओं का गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया है। अधिकृत आंकड़ों पर गौर करें तो तीन सालों में 4,605 महिलाओं के गर्भाशय किसी ना किसी कारण से निकाले गए हैं। महारष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को विधान परिषद में यह जानकारी दी। शिंदे ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति गर्भाशय निकालने के मामलों की जांच करेगी।
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बड़ी तादाद में गर्भाशय निकालने का मामला शिवसेना विधायक नीलम गोर्हे ने विधान परिषद में उठाया । नीलम गोर्हे ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीड जिले में गन्ने के खेत में काम करने वाली महिलाओं के गर्भाशय निकाल लिए गए, ताकि माहवारी के चलते उनके काम में ढिलाई न आए।
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इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। ये समिति गर्भाशय निकालने के मामलों की जांच करेगी। मुख्य सचिव अगुआई वाली इस कमेटी में 3 स्त्री रोग विशेषज्ञ और कुछ महिला विधायक होंगी। कमेटी 60 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। महाराष्ट्र सरकार ने सभी डॉक्टरों को आदेश दिया था कि वे अनावश्यक रूप से गर्भाशय न निकालें। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अप्रैल में इस मामले के सामने आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया था।
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