भोपाल । मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार बीजेपी की पिछली सरकार का एक और बड़ा फैसला पलटने जा रही है। कांग्रेस सरकार 30 नगर परिषदों को तोड़कर दोबारा 113 ग्राम पंचायतें बनाने का फैसला लेने जा रही है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही नगर परिषदों के विघटन का प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा। कैबिनेट में प्रस्ताव पास होते ही 30 नगर परिषदों को तोड़कर 113 पंचायतों का मूल स्वरुप अस्तित्व में आ जाएगा। हालांकि बीजेपी कांग्रेस सरकार के इस फैसले को राजनैतिक दुर्भावना के तौर पर देख रही है।
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मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पिछली शिवराज सरकार का एक और फैसला बदलने की तैयारी में है। दरअसल शिवराज सरकार ने साल 2016 और 2018 में 30 नगर परिषदों का गठन किया था। अब कमलाथ सरकार 30 नगर परिषदों में आने वाली 113 ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत के तौर पर स्वतंत्र करने जा रही है। इसके पीछे कांग्रेस सरकार का तर्क कि बीजेपी कि शिवराज सरकार ने वोट के खातिर जल्दबाजी में ग्राम पंचायतों को नगर परिषदों में शामिल करने का फैसला किया था, जो ग्राम पंचायतों के विकास के नज़रिए से ठीक नहीं था।
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जिलों के नगर परिषद टूटेंगे
सागर जिले की मालथौन नगर परिषद से टूटकर 6 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
सागर जिले की बांदरी नगर परिषद से टूटकर 8 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
सागर जिले की बिलहरा नगर परिषद से टूटकर 7 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
सागर जिले की सुरखी नगर परिषद से टूटकर 5 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
पन्ना जिले की गुन्नोर नगर परिषद से टूटकर 1 ग्राम पंचायत अस्तित्व में आएगी।
गुना जिले की मधुसूदनगढ़ नगर परिषद से 6 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
अशोकनगर जिले की पिपरई नगर परिषद से टूटकर 1 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएगी।
शिवपुरी जिले की रन्नोद,पोहरी,मगरौनी नगर परिषदों से टूटकर 13 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
भिंड जिले की रौन,मालनपुर नगर परिषदों से टूटकर 10 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
खरगोन जिले की बिस्टान नगर परिषद से टूटकर 5 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
बड़वानी जिले की ठीकरी,निवाली बुजुर्ग नगर परिषद से टूटकर 5 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
धार जिले की बाग,गंधवानी नगर परिषदों से टूटकर 12 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
रीवा जिले की डभौरा नगर परिषद से टूटकर 7 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
सिवनी जिले की केवलारी,छपारा नगर परिषदों से टूटकर 10 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
हरदा जिले की सिराली नगर परिषद से टूटकर 3 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी,शाहपुर नगर परिषदों से टूटकर 2 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी।
ग्वालियर जिले की मोहना नगर परिषद से 1 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएगी।
मंदसौर जिले की भैंसोदा मंडी नगर परिषद से 1 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएगी।
शहडोल जिले की बकहो नगर परिषद से 1 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएगी।
अनुपपुर जिले की वनगंवा(राजनगर),डोला,डूमरकछार,मानपुर नगर परिषदों से टूटकर 7 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आएंगी.।
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दरअसल ये प्रस्ताव पहले कैबिनेट की बैठक में आएगा, फिर प्रस्ताव की मंजूरी के बाद अब यहां नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे, बल्कि ग्राम पंचायत चुनाव ही होंगे। 30 नगरीय निकायों का विघटन कर यहां 113 ग्राम पंचायत ही रहेंगी। गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने 2018 में 21 और 2016 में 9 नगर परिषद के गठन का फैसला किया था। यहां अभी तक नगरीय निकाय चुनाव नहीं हुए थे। आने वाले महीनों में यहां चुनाव होने थे, लेकिन नगरीय विकास विभाग ने इन्हें फिर से विघटित करने का फैसला किया है।
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बीजेपी इस फैसले के पीछे कांग्रेस सरकार की राजनैतिक दुर्भावना को जिम्मेदार ठहरा रही है। हालांकि कांग्रेस सरकार का ये प्रस्ताव शुरुआती दौर में ही है। फिलहाल कैबिनेट की बैठक में शहरी विकास विभाग का ये प्रस्ताव नहीं आ सका है। खबर तो ये भी है कि कांग्रेस सरकार में शामिल कई मंत्री इस फैसले की खिलाफत करने की तैयारी मे हैं। यही वजह है कि कैबिनेट ऐजेंडे की लिस्ट में शहरी विकास विभाग का ये प्रस्ताव अभी पेंडिंग है।