जम्मू कश्मीर। अलगाववादी नेताओं को मिलने वाले फंड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी को मिलने वाले फंड के बारे में पता चला है। हिरासत में चल नेता के करीबी का दावा है कि गिलानी को हर महीने करीब 6 से 7 लाख रूपए सीक्रेट फंड मिलता है। इस फंड का डिटेल वे हर हफ्ते नष्ट किया करते थे।
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जिसने दावा किया है वो गिलानी के करीबियों में से एक है। गिलानी इस फंड का इस्तेमाल भारत विरोधी कामों में लगाता था। युवाओं को उकसाता था। पत्थरबाजी करने के लिए फंड देता था।
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सूत्रों के मुताबिक टीम को ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिसमें गिलानी के करीबी ने दिल्ली में मैजिस्ट्रेट के सामने सारे राज उगल दिए हैं। तहरीक-ए- हुर्रियत फाइनेंस की जानकारी देते हुए गवाह ने बताया है, “गिलानी जिस फंड को मेंटेन करते थे उन्हें गोपनीय स्त्रोंतो से हर महीने 6-8 लाख रुपये आते थे। अधिकांश लोगों को इस फंड की जानकारी नहीं थी। फंडिंग में कश्मीरी व्यापारी जहूर वटाली का योगदान सबसे ज्यादा था।”
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मैजिस्ट्रेट के सामने दिए गए इस बयान के आधार पर ही वटाली और जम्म एंड कश्मीर बैंक के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने आगे की कार्रवाई अमल में लाई। वटाली और उसके साथ कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ 2017 में चार्जशीट दाखिल किया गया।
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फंड के बारे में ये भी पता चला है कि रमजान के महीने में तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर के सभी अखबारों में चंदे के लिए इश्तेहार छपवाता था। इसमें तहरीक-ए-हुर्रियत के कार्यकर्ता और पदाधिकारी चंदा देते थे। इसमें से 60 फीसदी फंड जिलाध्यक्ष के पास जाता था, जबकि 40 फीसदी हिस्सा गिलानी के पास।
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