रायपुर। चैत्र नवरात्रि के आखिरी दो दिनों में कन्या पूजन का विशेष महत्व है, अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन या कंजक पूजा बेहद शुभ माना जाता है। कन्याओं को हलवा, पूरी और चने का भोग लगाने के साथ-साथ उन्हें भेंट देकर विदा किया जाता है, लेकिन इस बार आप पहले की तरह कन्या पूजन नहीं कर पाएंगे, वजह है कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए देश भर में लगाया गया 21 दिनों का लॉकडाउन।
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आप हर बार की तरह इस बार कन्या पूजन के लिए कन्याओं को घर पर नहीं बुला सकते, तो क्या इस बार हमें कन्या पूजन नहीं करना चाहिए? जवाब है कन्या पूजन करेंगे लेकिन थोड़ा अलग तरीके से विधि-विधान संपन्न किया जाएगा। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी और नौवें दिन नवमी मनाई जाती है, इस बार अष्टमी 1 अप्रैल को है, जबकि नवमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी, इसी दिन राम नवमी का त्योहार भी है। आप अपनी सुविधानुसार अष्टमी या नवमी में से कोई भी एक दिन चुन सकते हैं।
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लॉकडाउन के दौरान कैसे करें कन्या पूजन
– ध्यान रहे कि कन्या पूजन से पहले घर में साफ-सफाई हो जानी चाहिए.
– अष्टमी के दिन कन्या पूजन के दिन सुबह-सवेरे स्नान कर भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें.
– अगर नवमी के दिन कन्या पूजन कर रहे हैं तो भगवान गणेश की पूजा करने के बाद मां सिद्धिदात्री की पूजा करें.
– लॉकडाउन के चलते कन्याओं को घर पर नहीं बुलाया जा सकता. ऐसे में आप अपनी बेटी या घर में मौजूद भतीजी की पूजा कर सकते हैं. ध्यान रहे कि कन्या की आयु 10 वर्ष से ऊपर नहीं होनी चाहिए.
– अगर आपके घर में कोई बालक है तो कन्या पूजन में उसे भी बैठाएं. दरअसल, बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ में माता की सेवा के
लिए बटुक भैरव को तैनात किया हुआ है. कहा जाता है कि अगर किसी शक्ति पीठ में मां के दर्शन के बाद भैरव के दर्शन न किए जाएं तो दर्शन अधूरे माने जाते हैं.
– घर की बेटी या भतीजी को आसन पर बैठाने से पहले जय माता दी का जयकारा लगाएं.
– अब कन्या को बैठने के लिए आसन दें
– अब उनके पैर धोएं.
– अब उन्हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं.
– इसके बाद उनके हाथ में मौली बाधें.
– अब उन्हें घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती उतारें.
– आरती के बाद खाने के लिए पूरी, चना और हलवा दें.
– भोजन के बाद उन्हें यथाशक्ति भेंट और उपहार दें.
– इसके बाद उनके पैर छूएं.
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घर में न हो बेटी तो ऐसे करें कन्या पूजन
अगर आपके घर में बेटी या भतीजी नहीं है तो भी निराश होने की जरूरत नहीं है. अष्टमी या नवमी में से जिस भी दिन आप कन्या पूजन करना चाहते हैं उस दिन इस तरह आप विधि-विधान पूरा कर सकते हैं:
– कन्या पूजन के दिन सुबह-सवेरे उठकर घर की साफ-सफाई करें.
– अब स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– इसके बाद भोग तैयार करें. शगुन के लिए हल्वा, पूरी और चने बनाएं. ध्यान रहे इस भोग की मात्रा उतनी ही रखें जितना कि परिवार के सदस्य ग्रहण कर सकते हों.
– माता रानी के लिए ऐसा प्रसाद भी तैयार करें जिसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके. जैसे कि मेवे, मखाने, शक्करपारे आदि.
– अब घर के मंदिर में ही माता रानी की विधिवत पूजा करें.
– माता रानी की आरती उतारें और भोग लगाएं.
– अब सूखे भोग के 10 अलग-अलग पैकेट (9 पैकेट कन्याओं के और 1 बटुक भैरव रूपी बालक के लिए) बनाकर रख लें.
– इन पैकेट के साथ यथाशक्ति भेंट भी रखें.
– अब घर के सभी सदस्यों में प्रसाद बांट कर व्रत का पारण करें.
– बाद में जब लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और स्थिति सामान्य हो जाएगी तब आप इन पैकेट्स को कन्याओं में बांट सकते हैं.
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