कोरोना के नियंत्रण में बहुत अहम है ये उपाय, 12 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात जुटे हैं काम में | These measures are very important in the control of Corona More than 12 thousand officers and employees are working day and night in this work.

कोरोना के नियंत्रण में बहुत अहम है ये उपाय, 12 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात जुटे हैं काम में

कोरोना के नियंत्रण में बहुत अहम है ये उपाय, 12 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात जुटे हैं काम में

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 PM IST
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Published Date: May 14, 2021 1:31 pm IST

रायपुर। कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में व्यापक स्तर पर संचालित किए जा रहे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। प्रदेश भर में संचालित कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में 12 हजार 435 अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी जिलों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टीम बनाकर पॉजिटिव पाए गए लोगों के नजदीकी संपर्क में आए व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है। लक्षण दिखने पर कोरोना जांच भी कराई जा रही है। संपर्क में आए व्यक्तियों को संक्रमण से बचाव के लिए एसओपी के मुताबिक दवा किट दी जा रही है। संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए उन्हें आइसोलेट भी किया जा रहा है। कोरोना जांच के बाद संक्रमित पाए जाने पर होम आइसोलशन या कोविड अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में उनके पूर्ण उपचार की व्यवस्था भी की जा रही है।

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लगातार बढ़ते संक्रमण दर को थामने और संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से बहुत मदद मिल रही है। इसके लिए उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। प्रत्येक जिले में इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना राज्य स्तर पर इस अभियान का समन्वय कर रहे हैं।

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कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग कर रहे नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि प्रदेश में कोरोना महामारी की शुरूआत के साथ ही संक्रमितों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी शुरू कर दी गई थी। कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बचाव के उपायों और इलाज के साथ ही संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का चिन्हांकन तथा उनमें लक्षण दिखने पर या उच्च जोखिम वाले लोगों की तत्काल जांच जरूरी है ताकि संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग टीम द्वारा कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के 48 से 72 घंटे के भीतर संपर्क में आए लोगों का चिन्हांकन कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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कोरोना संक्रमण की दर को नियंत्रित करने और संक्रमण की कड़ी तोड़ने मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों का चिन्हांकन कर, प्राथमिकता तय कर सैंपलिंग और आइसोलेशन किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि चार-पांच कोरोना संक्रमितों के संपर्क में करीब 30 लोग आते हैं। इनमें कुछ लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा और कुछ में कम होता है। संक्रमित के संपर्क में आए ऐसे लोग जिनमें किसी तरह के लक्षण दिख रहे हैं या ज्यादा जोखिम वाले वर्ग जैसे 60 वर्ष से अधिक के व्यक्ति, गुर्दा रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग इत्यादि से ग्रसित एवं गर्भवती महिलाओं का सैंपल लेकर आइसोलेट करने की कार्रवाई की जाती है। ऐसे कॉन्टैक्ट जिनमें किसी तरह के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं, उन्हें छह दिनों बाद कोरोना जांच के लिए सैंपल देने कहा जाता है।

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कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में समुदाय और पॉजिटिव पाए गए मरीजों का सहयोग बहुत जरूरी है ताकि संपर्क में आए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके और उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा सके।

 
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