नई दिल्ली। अपने देश की सेना और विपक्ष का विश्वास खो चुके इमरान ख़ान के तख्तापलट की तारीख ‘तय’ हो गई है। जी हां इमरान खान की विदाई होने वाली है, जाहिर है कि पाकिस्तान में फिर एक बार सैनिक शासन की तैयारी हो चुकी है क्योंकि पाकिस्तान के बड़े बिजनेसमैन के साथ पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बैठक नहीं होती है। बैठक होती है रावलपिंडी में जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का हेडक्वार्टर है।
ये भी पढ़ें —एक बार फिर मानवता हुई शर्मसार, युवक ने आठवीं की छात्रा को बनाया हवस का शिकार
पाकिस्तान में सेना रेडियो स्टेशन, टीवी स्टेशन, दूर संचार भवन, संसद हर जगह कब्जा कर सकती है और पाकिस्तान में फिर एक बार सेना के बूट की धमक सुनाई देगी। पाकिस्तान में फिर एक बार एक चुनी हुई सरकार की बलि सेना लेने जा रही है। इस बैठक में पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान के बड़े कारोबारियों से मुलाकात की। ये मुलाकात रावलपिंडी के आर्मी हाउस में की गई थी। मुलाकात के बाद पाकिस्तान के के बड़े बिजनेस लीडर्स ने सेना प्रमुख के साथ डिनर भी किया।
ये भी पढ़ें — छत्तीसगढ़ शासन की छोटी प्रशासनिक सर्जरी, 7 IFS अधिकारियों का तबादला आदेश जारी
पाकिस्तान के बड़े कारोबारियों ने इमरान खान से भी मुलाकात की थी लेकिन क्योंकि उनकी समस्य़ाओं को दूर करने के लिए इमरान खान ने कोई कदम नहीं उठाया इसलिए इन सभी बिजनेस लीडर्स ने अब आर्मी चीफ से मुलाकात की है। और उनसे कहा कि इमरान खान सरकार आर्थिक हालात सुधारने के लिए कोई कदम नही उठा रही।
ये भी पढ़ें — पुलिस महकमे में बड़ी फेरबदल, 5 थाना प्रभारी सहित 9 लोगों का तबादला
तो क्या पाकिस्तान में इमरान की नहीं बाजवा की ज्यादा चलती है? क्या इमरान का कहा शब्द आखिरी नहीं माना जाता? क्या आर्मी चीफ ही पाकिस्तान में सत्ता का सबसे बड़ा केंद्र है? यहां हर सवाल का जवाब हां है। पाकिस्तान ने पहले भी तख्तापलट देखें हैं, और फिर एक बार पाकिस्तान का एक जनरल एक चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंके तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।
ये भी पढ़ें — हाईकोर्ट से राज्य सरकार को लगा झटका, आयात निर्यात कार्यालय को स्थानांतरित करने के फैसले पर लगाई रोक
पाकिस्तानी सेना की ट्रिपल वन ब्रिगेड के अधिकारियों और सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। ट्रिपल वन ब्रिगेड रावलपिंडी में तैनात रहती है। ट्रिपल वन ब्रिगेड रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना की गैरिसन ब्रिगेड है। इसलिए इसे COUP BRIGADE भी कहते हैं जो तख्तापलट के लिए कुख्यात है। इस ब्रिगेड का इस्तेमाल इससे पहले हुई लगभग हर सैन्य तख्तापलट में किया गया है। ब्रिगेड के सभी अधिकारियों और सैनिकों को ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए गए हैं।
<iframe width=”658″ height=”370″ src=”https://www.youtube.com/embed/7bb_6aMDTuY” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>