नई दिल्ली। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी कामगारों, छात्रों और पर्यटकों के लिए विशेष ट्रेनों को सरकार ने हरी झंडी दी है। शुक्रवार से देश के चुनिंदा रूट पर ट्रेनों के चलने का दौर शुरू हुआ। वहीं घर पहुंचने के बाद सैकड़ों मजदूरों ने राहत की सांस ली।
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बता दें कि कोरोना के मद्देनजर लागू लॉकडाउन की अवधी सरकार ने एक बार फिर से बढ़ाई है। 4 मई से लॉकडाउन 3.0 लागू हो जाएगा। इस बीच सरकार ने विश्व मजदूर दिवस के दिन सभी की घर वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन की अनुमति दी।
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स्पेशल ट्रेन में मजदूरों को सफर के दौरान फ्री में खाने-पीने के सामान दिए जा रहे हैं। वहीं किसी भी यात्रियों से टिकट नहीं लिया गया है। ऐसे में कहना आसान है कि फंसे हुए लोगों से टिकट के पैसे नहीं लिए जा रहे हैं।
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हालांकि रेलवे ने ये जरूर कहा है कि किराया संबंधित राज्य सरकारों से लिया जाएगा। रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक किराए में स्लीपर क्लास के टिकट की कीमत, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और प्रति यात्री भोजन के अलावा पानी के लिए 20 रुपये शामिल होंगे। इसका भुगतान राज्य सरकारें करेंगी।
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बता दें कि मजदूरों की घर वापसी के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सिर्फ 1,000 से 1,200 यात्रियों को ही ट्रेन में बैठने की अनुमति है। ट्रेन को सैनेटाइजिंग भी किया जा रहा है।
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